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रांची/डेस्क: भारतीय सिनेमा में डबल रोल की अवधारणा ने दर्शकों को हमेशा से आकर्षित किया है. लोकप्रिय फिल्मों जैसे 'राम और श्याम', 'सीता और गीता', और 'जुड़वा' ने इस तकनीक को प्रमुखता से दर्शाया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय सिनेमा में डबल रोल की शुरुआत कब हुई थी? बता दे की इसकी शुरुआत 107 साल पहले हुई थी.
पहली डबल रोल फिल्म: "लंका दहन"
भारतीय सिनेमा की पहली डबल रोल फिल्म "लंका दहन" थी, जो 1917 में रिलीज हुई थी. यह फिल्म धार्मिक ग्रंथ 'रामायण' पर आधारित थी और इसके निर्देशक दादासाहेब फाल्के थे. फिल्म में अन्ना सलुंके ने डबल रोल निभाया था—श्रीराम और माता सीता दोनों का किरदार अन्ना ने ही किया था. उस समय फिल्मों में महिलाएं काम नहीं करती थीं, इस वजह से डबल रोल का यह प्रयोग किया गया था.
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फिल्म "लंका दहन" का प्रभाव और रिस्पॉन्स
"लंका दहन" भारतीय सिनेमा की एक ऐतिहासिक फिल्म थी और इसे दर्शकों का शानदार रिस्पॉन्स मिला था. यह फिल्म 'रामायण' पर आधारित होने के कारण दर्शकों के बीच विशेष उत्सुकता और आकर्षण का विषय भी थी. 1917 में रिलीज के बाद, फिल्म ने अच्छा कलेक्शन किया और इसके साथ ही दादासाहेब फाल्के की फिल्में हाउसफुल रहने लगीं. लोग टिकट खरीदने के लिए लंबी कतारें लगाते थे और कई बार झगड़े भी होते नज़र आते थे.