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रांची/डेस्क: गर्मी का मौसम अपने पीक पर है और ऐसे में लोग ठंडी चीजों को बहुत ज्यादा पसंद करते है. इसके साथ ही लोग गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक्स और ठंडे पानी को बेहिसाब पीते नजर आते है. वहीं लोग कोल्ड ड्रिंक्स और पानी को ठंडा करने के लिए आइस कयुब्स दाल देते है और इसे बड़े ही चाव से चबाते भी है. अगर आप भी कच्ची बर्फ को चबाने के शौकिन है तो फौरन अपनी इस आदत को बदल डाले. बता दें कि आइस क्यूब्स को चबाना दांतों के लिए बेहद खरनाक साबित हो सकता है. डेंटिस्ट का कहना है कि इसे चबाने से दांतों में फ्रेक्चर की भी नौबत आ सकती है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है...
एक रिपोर्ट के अनुसार कच्ची बर्फ को चबाना दांतों के लिए नुकसानदायक माना गया है. बताया गया है कि बर्फ एक ठोस फॉर्म होता है. इसको चबाने से दांतों में फ्रेक्चर हो सकती है. दांतों का इनेमल इससे खराब हो जाता है. इसके साथ ही सेंसेशन से जुड़ी समस्या पैदा हो सकती है. वहीं कच्ची बर्फ चबाने की आदत से दांतों में तेज दर्द हो सकती है. इसके साथ ही बर्फ का तापमान काफी कम होता है. जिसकी वजह से दांतों के इंप्लांट और फिलिंग्स खराब हो सकती है. इसके साथ ही कच्ची बर्फ चबाने से ठंडा-गर्म लगने की समस्या भी पैदा हो सकती है.
डेंटिस्ट का ये भी कहना है कि कच्ची बर्फ या आइस क्यूब्स दांतों के इनेमल के बराबर की ठोस होती है. कोई व्यक्ति जब बर्फ चबाता है, आइस और इनेमल के बराबर की ठोस होती है. जिसके कारण दांतों में फ्रेक्चर का खतरा बना रहता है.
इनेमल क्या होता है ?
इनेमल दांतों की ऊपरी परत को कहा जाता है. इनेमल बाहरी प्रदुषण से दांतों को ढ़कती है. हड्डी की तरह ये परत मजबूत होती है. इसके साथ ही दांतों का इनेमल अगर डैमेज हो जाए तो कई गंभीर समस्या पैदा हो सकती है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बर्फ चबाने की आदत एक मेंटल डिसऑर्डर भी हो सकता है. जिसे पैगोफैगिया भी कहा जाता है. इससे परेशान लोग अक्सर ही बर्फ और अन्य ठोस चीजे चबाना शुरू कर देते है. इसके साथ ही इनमें किसी भी तरह के पोषक तत्व नहीं होते है. बर्फ और अन्य ठोस चीजे चबाने से बचा जाए तो यह डिसऑर्डर नहीं होगा. वहीं कई लोग ऐसे भी है जो गर्मी से छुटकारा पाने के लिए बर्फ को मुंह में रखकर चूसते है या फिर से चबाकर खाते है. अगर देखा जाए तो बर्फ किसी भी प्रकार से हमारे शरीर के लिए फायदेमंद नहीं है.