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सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा में अकीदत के साथ मनाई जा गई बकरीद पर्व. शहर के ईदगाह में बकरीद की सामुहिक नमाज अदा की गई. जहां एसपी सिमडेगा मो. अर्शी सहित बड़ी संख्या में नमाजियों ने नमाज अदा की. बकरीद के नमाज के पूर्व मौलाना आसिफउल्ला ने नमाजियों से कहा कि बकरीद अपने प्रिय चीज को अल्लाह के रास्ते में कुर्बानी का संदेश देता है. उन्होने बताया हजरत इब्राहिम को अल्लाह का पैगम्बर माना जाता है. जो की पैगम्बर मोहम्मद के पूर्वज थे. जो की समाज में भलाई के लिए कार्य करते हैं. दीन-दुखियों की मदद करते थे और जीवनभर इन्ही कामों में जुटे रहें. लेकिन 90 साल की उम्र तक उनकी कोई संतान नहीं थी. लेकिन अल्लाह की रहमत से उन्हें एक चांद सा बेटा प्राप्त हुआ था. जिसका नाम उन्होंने इस्माइल रखा था. लेकिन एक दिन हजरत इब्राहिम को हुक्म मिला कि खुदा के लिए उन्हें अपनी प्रिय वस्तु की कुर्बानी देनी होगी. हजरत इब्राहिम ने अपनी पत्नी को अपने बेटे इस्माइल को नहला के तैयार करने को कहा और इस्माइल को लेकर वे उनकी कुर्बानी देने के लिए निकल पड़े. बेटे की गर्दन पर तलवार चलाने से पहले उन्होंने अपनी आंखो में काली पट्टी बांध ली और फिर तलवार चला दी, आँखों से पट्टी हटाई तो सामने बकरे की कुर्बानी हो चुकी थी और इस्माइल को खेलते हुए पाया. उसी दिन के बाद से हर साल हजरत इब्राहिम की याद में यह दिन मनाया जाता है और यहीं से बकरे की कुर्बानी देने का महत्व बढ़ गया था. मौलाना ने कहा कि कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है, जिसमें एक हिस्सा गरीब या जरुरतमंदो, दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों को भेजा जाता है तथा तीसरा हिस्सा घर पर पकाया जाता है.
बकरीद पर्व को लेकर प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. जगह-जगह मजिस्ट्रेट और पुलिस प्रशासन के लोग मौजूद रहे. इसके साथ नमाज के दौरान शहर में एनएच 143 में भारी वाहनों का प्रवेश भी बंद रखा गया. नमाज अदा करने के बाद एसपी सिमडेगा मो. अर्शी ने लोगों से बकरीद पर अपने बुराइयों की कुर्बानी देकर एक अच्छे समाज का निर्माण करने का संदेश दिया.