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रांची/डेस्कः- बाबा नीब करौली महाराज जी हनुमान जी के अवतरण के रुप में विख्यात हैं. बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था, इनका असली नाम लश्र्मी नारायण शर्मा था. बाबा नीम करौरी महाराज जी के देश दुनियां में कई मंदिर है लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उत्तराखंड के नैनिताल में स्थित कैंची धाम है. यहां पर 15 जून को लगने वाले मेले में भक्तों का तांता लग जाता है. कैंची धाम के इस पावन भूमी की स्थापना सन् 1964 में की गई थी. बाबा नीम करौली महाराज पहली बार 1961 में यहां आए थे. इस वर्ष 60 वां स्थापना दिवस के रुप में मनाया जा रहा है. सुबह की आरती के बाद यहां बाबा का भोग लगाकर मलपुए का प्रसाद वितरण किया जाएगा. कैंची धाम के आसपास वाहनों का आवाजाही पूर्ण रुप से बंद कर दी गई है. यह धाम नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मान्यताओं के मुताबिक कैंची धाम से कोई भी शख्स खाली हाथ नहीं लौटता. यहां पर मांगी जाने वाली सारी मांगे बाब नीम करौरी महाराज पूरी करते हैं. यह धाम पूरी तरह से चमत्कारों से भरा हुआ है. एप्प्ल के संस्थापक व फेसबुक के संस्थापक दोनों कैंची धाम आ चुके हैं. बाबा नीम करौली साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते थे. वो अपना पैर भी किसी को छुने नहीं देते थे. अगर कोई उनका पैर छुने की कोशिश करता तो वे उन्हे हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे.
कई रुपों में विख्यात थे बाबा
.बाबा हर दिन कई लीलांए रचते थे औऱ भक्तों की मदद करते थे. बाबा ने 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में अपने शरीर का त्याग किए थे.
.हमेशा कंबल ओढ़ा करते थे बाबा नीब करौरी, यहां आने वाले भक्त करौरी महाराज को कंबल भेंट किया करते हैं.
.बाबा नीब करौरी के उपर कई किताबें लिखी जा चुकी है, अलौकिक प्रसंग, मिरेकल आफ लव, के अलावा कई किताबें लिखी जा चुकी है.