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रांची/डेस्क: पूर्व झारखण्ड विधानसभा नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा नेता अमर कुमार बाउरी ने केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक निर्णायक एवं ऐतिहासिक कदम बताया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला विशेषकर दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लिए आशा की नई किरण लेकर आया है, जिनकी दशकों से उपेक्षा होती रही.
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सिद्ध कर दिया है कि वे सच्चे अर्थों में ज़मीनी राजनीति को समझने वाले और सामाजिक न्याय के प्रति संकल्पबद्ध नेता हैं. यह निर्णय सिर्फ़ प्रशासनिक नहीं, बल्कि करोड़ों वंचितों की आवाज़ को सशक्त करने वाला है. वर्षों तक सत्ता में रहे दल जातीय जनगणना की बातें तो करते रहे, लेकिन जब अमल का समय आया, तो उन्होंने चुप्पी साध ली. उन दलों के लिए यह एक आईना है जो केवल भाषणों में सामाजिक न्याय की बात करते हैं, लेकिन निर्णय की घड़ी में कंबल ओढ़कर सो जाते हैं. यह जातीय आंकड़े नीति निर्माण को अधिक पारदर्शी एवं समावेशी बनाएंगे और लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूती प्रदान करेंगे."
उन्होंने आगे कहा, "झारखंड जैसे राज्य, जहां सामाजिक विविधता गहरी है, वहां यह जनगणना सामाजिक संतुलन और न्याय की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी." अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री को झारखंड की जनता और अपने व्यक्तिगत स्तर पर धन्यवाद देते हुए कहा, "हम सभी वंचित वर्गों की भावनाओं को सम्मान देने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय को शत-शत नमन करते हैं."