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रांची/डेस्क: झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता ने आज पुलिस मुख्यालय सभागार में नक्सल उन्मूलन संबंधित मुद्दों पर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में विशेष तौर पर लथर, हजारीबाग, चाईबासा, लोहरदगा और पलामू के नक्सली परिदृश्य से संबंधित पूर्व में दिए गए निर्देश के अनुपाल की व्यापक रूप से चर्चा की गई. एवं अन्य माओवादी, उग्रवादी संगठन, स्प्लिन्टर ग्रुप का सम्पुर्ण रूप से उन्मूलन हेतु DGP ने वंचित कार्रवाई करने कई निर्देश दिए.
उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस अधीक्षक अपने जिले में पूर्व में घटित ऐसे सभी मामलों की समीक्षा करेंगे जो माओवादी/Splinter Groups/ आपराधिक गुटों द्वारा धमकी या लेवी मांगने से संबंधित हैं. यह भी जानकारी प्राप्त करेंगें कि इस प्रकार की सूचना पीड़ित द्वारा देने के मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है या नहीं ? पुलिस अधीक्षक विशेष रूप से नक्सल प्रभावित जिलों में माओवादी/ Splinter Groups के द्वारा आगजनी / तोड़फोड़ से संबंधित दर्ज मामलों का विशेष यथाशीघ्र वांछित कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे. पुलिस अधीक्षक विभिन्न काण्डों में माओवादी / Splinter Group के जो भी अभियुक्त फिरार हैं, उनके विरूद्ध प्रभावी कुर्की जप्ती की कार्रवाई की जाए.
पुलिस अधीक्षक उग्रवाद / अपराध के माध्यम से अर्जित किये गये सम्पत्तियों को चिन्हित कराते हुए उसका documentation का कार्य अद्यतन कर वांछित कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे. पुलिस अधीक्षक नक्सल / Splinter Groups के प्रत्येक सदस्य का प्रोफाईल बनाकर "know your enemy/ know your friend" के आधार पर अपने अधीनस्थ पदाधिकारी एवं कर्मियों को अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि जिलों में स्थापित थाना/पुलिस पिकेट में पदस्थापित / प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी यह अच्छी तरह से जान पायें कि उनके क्षेत्र में कौन से नक्सल / Splinter Groups/अपराधी गुट सक्रिय हैं, जिससे उनके विरूद्ध वांछित कार्रवाई की जा सके. राज्य के जिस ईकाई से आसूचना प्राप्त होती है, उसका त्वरित गति से सत्यापन करते हुए पुलिस अधीक्षक (विशेष तौर पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के) यथाशीघ्र वांछित कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे. पुलिस अधीक्षक, फिरार नक्सलियों की गिरफ्तारी हेतु उनके विरूद्ध उचित माध्यम से पुरस्कार हेतु यथाशीघ्र प्रस्ताव समर्पित करना सुनिश्चित करेंगे. पुलिस अधीक्षक, नक्सलियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान और सरेंडर पॉलिसी को और प्रभावी बनाने हेतु व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोंगों को मुख्य धारा में जोड़ने हेतु साकारात्मक प्रयास करना सुनिश्चित करेंगे.
नक्सल गतिविधि/आपराधिक गिरोह के संबंध में आसुचना तंत्र को मजबुत करने हेतु पुलिस अधीक्षक अपने जिले के सभी थाना प्रभारी को अपने स्थानीय नेटवर्क, मुखबिरों और डिजिटल निगरानी का उपयोग कर आसूचना संकलन करेंगे,पुलिस अधीक्षक क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न एजेंसियों के कार्यकर्त्ता/ठेकेदार के साथ बैठक करना सुनिश्चित करेंगे,एजेंसियों द्वारा कार्य समाप्ति पश्चात चिन्हित कार्यस्थल पर सीसीटीवी कैमरा लगवाने हेतु एजेंसियों से पुलिस अधीक्षक आपसी समन्वय स्थापित कर सीसीटीवी कैमरा लगवाना सुनिश्चित करेंगे,पुलिस अधीक्षक अपने अधीनस्थ थाना के पदाधिकारियों को यह निर्देश देंगे कि जेल से बाहर जमानत पर छूटे उग्रवादी / अपराधी का विशेष तौर पर निगरानी रखी जाए,
सभी प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/क्षेत्रीय उप-महानिरीक्षक उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन अपनी देख-रेख में कराना सुनिश्चित करेंगे साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर अपने स्तर से संबंधित पुलिस पदाधिकारी/कर्मी को दिशा-निर्देश देना एवं उग्रवाद / गंभीर अपराध से संबंधित विगत तीन वर्षों में दर्ज कांडो की समीक्षा कर दिशा-निर्देश निर्गत करना सुनिश्चित करेंगे.
इस बैठक में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड के अतिरिक्त डॉ. संजय आनन्दराव लाठकर, अपर पुलिस महानिदेशक झारखण्ड, अमोल विनुकांत होमकर, पुलिस महनिरीक्षक अभियान झारखण्ड, चन्दन कुमार झा. पुलिस उप-महानिरीक्षक एसआईबी, नाथु सिंह मीणा, पुलिस अधीक्षक एसआईबी एवं अमीत रेणु, पुलिस अधीक्षक अभियान भौतिक रूप से एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अखिलेश कुमार झा, प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक रांची, सुनिल भास्कर, प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक पलामू, वाईएस रमेश, क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक पलामू, सुरेन्द्र कुमार झा, क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक बोकारो, संजीव कुमार, क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक हजारीबाग एवं पुलिस अधीक्षक लातेहार / पलामू /चाईबासा / लोहरदगा एवं हजारीबाग उपस्थित रहे.