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गुमला/डेस्क: प्रखण्ड सिसई क्षेत्र में बुधवार रात को सलगी लोहरदगा निवासी धीरेन्द्र उरांव के पच्चीस वर्षीय पुत्र विनोद उरांव का सड़क दुर्घटना हो जाने से बुरी तरह जख्मी हो गया था. उसके दाहिने पैर का हड्डी टूट गया और बाहर निकल गया था. और चेहरे व सिर पर भी चोट लगी थी. उसे घायल अवस्था में लोग रात आठ बजे रेफरल अस्पताल सिसई लेकर आए. जहां डॉक्टर संजय प्रसाद द्वारा प्राथमिक उपचार कर उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए,बेहतर ईलाज के लिए सदर अस्पताल गुमला रेफर कर दिया गया. लेकिन एंबुलेंस चालक के न होने से फार्मासिस्ट शाहबुद्दीन का भाई जो अस्पताल का स्टाफ भी नहीं है,बिना परिजन के व बिना डॉक्टर के अनुमति के अपने मर्जी से निजी अस्पताल सिसई ले जाकर भर्ती करा दिया. जो एक गम्भीर मामला है.
परिजनों द्वारा डॉक्टर संजय प्रसाद से पूछे जाने पर उन्होंने कहा,कि मैं अन्य मरीजों को देखने में व्यस्त था. कुछ देर में उनके परिजन आए तो उन्हें मरीज को लेकर सदर अस्पताल जाने को कहा. जब परिजन मरीज के पास ड्रेसिंग रूम में गए तो वहां से मरीज गायब पाया गया.
जानकारी के अनुसार, पता चला कि फार्मासिस्ट शाहबुद्दीन का भाई मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया है.
परिजनों के हंगामा करने पर डॉक्टर संजय प्रसाद ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा,कि मरीज को सदर अस्पताल गुमला रेफर किया गया है, कभी भी किसी निजी अस्पताल में रेफर नहीं किया जाता है.तो बिना अनुमति के कोई कैसे किसी को निजी अस्पताल में लेकर जाएगा. यदि कोई इस तरह का कार्य किया है,तो ये बिल्कुल गलत है.उस पर विभाग द्वारा कार्रवाई किया जाएगा.
रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ललिता कुमारी मिंज ने इस मामले पर परिजनों से कहा,कि उस पर विभागीय कार्यवाही किया जाएगा और उपायुक्त को लिखित रूप से पत्र भेज कर दंडात्मक कार्यवाही करने की आश्वासन दिए. रेफरल अस्पताल सिसई में आए दिन कुछ न कुछ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. कभी मरीज को दवा उपलब्ध नहीं हो पाता है, बाहर से दवाएं खरीदना पड़ता है, तो कभी मरीज का सही तरीका से ईलाज नहीं किया जाता है,तो कभी मरीज को डॉक्टर के अनुमति के बगैर किसी निजी अस्पताल में ले जाया जाता है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि ये सारी घटनाएं अस्पताल के कर्मचारियों का निजी अस्पतालों के साथ मिली भगत को दर्शाता है. जिससे रेफरल अस्पताल के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग के ऊपर कई सारे सवाल उठ रहे हैं. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ललिता कुमारी मिंज ने कहा,कि इस तरह की घटनाएं अस्पताल में हो रही है, ये साजिश के तहत हमे बदनाम करने की कोशिश किया जा रहा है अस्पताल की छवि को खराब करने के लिए बहुत बड़ा षडयंत्र रचा जा रहा है. लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी और इसपर विभागीय कार्रवाई कराऊंगी. जिसके लिए मैंने सिविल सर्जन गुमला, उपायुक्त गुमला एवं पुलिस अधीक्षक गुमला को लिखित रूप से पत्र भेज दी हूँ, जल्द ही सभी मामलों को लेकर विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही किया जाएगा.
