मो. वसीम/न्यूज11 भारत
महुआडांड़/डेस्कः- शनिवार को नेतरहाट आवासीय विद्यालय, नेतरहाट मे एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला(आधुनिक शिक्षा और शिक्षक तथा वर्तमान चुनॉतियां) का आयोजन विद्यालय के भव्य आडिटोरियम मे आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य आधुनिक एवं नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों एवं छात्रों को जागरूक एवं सजक बनाना था, छात्रों मे किताबी शिक्षा के साथ-साथ कैसे नैतिक गुणों का विकास हो. शिक्षकों मे कैसे समावेसी विकाश हो इसपर चर्चा-परिचर्चा की गई. कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे झारखंड राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन मौजूद थें. वक्ता सह-प्रशिक्षक अतिथि के रूप मे शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव कुवँर सिंह पाहन, केंद्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय राँची के उपायुक्त श्री डी. पी पटेल, शैक्षणिक काउंसलर डॉ मनुकूल ,नेतरहाट विद्यालय के सभापति संतोष उराँव, राँची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ कामिनी कुमार, गणित एवं भौतिकी विषय के विषय विशेषज्ञ सह पूर्वर्ती छात्र डॉ (प्रो.) प्रिय रंजन ,विद्यालय के पूर्व प्राचार्य विंदयाचल पांडेय, वर्तमान प्राचार्य संतोष कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी लातेहार प्रिंस कुमार उपस्थित थे. कार्यक्रम मे मनिका विधानसभा के माननीय विधायक रामचन्द्र सिंह भी उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय मे पौधारोपण से की गई. माननीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में हमे सबसे पहले प्रकृति की संतुलनता पर ध्यान देने चाहिए एवं पौधरोपण कर प्रकृति पुण्य का भागी होना चाहिए. पौधरोपण के बाद माननीय शिक्षा मंत्री के द्वारा विद्यालय के अष्टम आश्रमवर्ग का उद्घाटन सह नामकरण किया गया. विद्यालय के अन्य आश्रमो की भाँति अष्टम आश्रम के तीनों आश्रमो का नामकरण किया गया जो इस प्रकार हैं- (1) नीलाम्बर-पिताम्बर (2) शिधु कान्हू एवं (3) वीर बुधु भगत रखा गया. उसके बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुये मंत्रोचार के साथ दिप प्रज्जवलन किया गया. तत्पश्चात विद्यालय के प्राचार्य ने सभी माननीय अतिथियों को अंगवस्त्र एवं विद्यालय का प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया. प्राचार्य ने अपने संबोधन मे कहा कि शिक्षा केवल ज्ञानाजर्न नही है बल्कि यह समाज को सुदृढ़ बनाने का एक मुख्य आधार है. नेल्सन मंडेला का कथन है कि शिक्षा वह हथियार है,जिससे आप देश एवं समाज मे बदलाव ला सकते हैं. प्राचार्य ने कहा कि वर्तमान समय मे हम शिक्षकों के बीच बृहद चुनौतियां है, हमे तकनीक का सहारा लेकर अपने शिक्षण कार्य को बेहतर और लचीला बनाने की आवश्यकता है. सभापति संतोष उरांव ने कहा कि गुरु शब्द का अर्थ है – 'अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला.' आधुनिक शिक्षक केवल एक विषय विशेषज्ञ नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक, प्रेरक, काउंसलर, तकनीकी जानकार और भावनात्मक सहायक है. यदि एक बच्चा, एक शिक्षक, एक किताब और एक कलम दुनिया बदल सकते हैं – तो सोचिए, एक समर्पित शिक्षक क्या नहीं कर सकता.
केन्दीय विद्यालय राँची के उपायुक्त डी. पी पटेल ने कहा कि नई शिक्षा नीति का मूल उदेश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास है,अतः हमें बतौर शिक्षक इस बात पर अवश्य बल देनी चाहिए कि छात्रों में शिक्षा के साथ साथ कैसे नैतिक गुणों का विकास हो सके. छात्रों को Self Study पर विशेष ध्यान देनी चाहिए, आपके पुस्तकालय मे 55-60 हजार पुस्तके है, जिसका प्रयोग कर आप अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं.
शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने कहा कि हमे नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, शिक्षकों को अपने शिक्षण प्रणाली को और लचीला ओर बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए. वहीं शिक्षाविद डॉ कामिनी कुमार ने कहा कि शिक्षकों अपने शिक्षण कौशल के साथ शिक्षक-छात्र के बीच मधुर एवं परस्पर समन्वय स्थापित करने पर बल दिया जाना चाहिए, ताकि छात्र निर्भीक रूप से शिक्षकों से सवाल-जबाब कर सके.
मनिका के माननीय विधायक रामचन्द्र सिंह ने कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय हमारे राज्य का एक अभिन्न अंग है ,शिक्षक विद्यालय के स्तम्भ होते हैं, उन्हें अपने शिक्षा कौशल के विकास के साथ-साथ छात्रों के बीच कुशल समन्वय बनाये रखने की आवश्यकता है.
प्रशिक्षक सह मोटिवेशनल स्पीकर डॉ मनुकूल ने PPP के माध्यम से शिक्षकों को बताया कि वे कैसे अपने शैक्षणिक कार्यप्रणाली को और बेहतर बना सकते है.
अंत मे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह- राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि नेतरहाट आवासीय विद्यालय की स्थापना का मूल उद्देश्य ही सर्वांगीण विकास एवं स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्यों के साथ की गई थी! आज इस विद्यालय मे अनेको संसाधन जैसे लाइब्रेरी,कम्युटर लैब एवं लैबोलैट्रि उपलब्ध है, जिनका उपयोग कर छात्र अपना जीवन सँवार सकते हैं! शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा के विकास के लिए चिंतनशील एवं प्रत्यनशील है एवं उसके सुधार हेतु कई योजनाओं का शुभारंम्भ किया गया है! शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षकों को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी बोध होना चाहिए! शिक्षकों को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से अपने छात्रों के प्रति गंभीर होनी चाहिए. अंत मे विद्यालय के शिक्षक रवि प्रकाश सिंह ने मुख्य अतिथियों, सभी माननीय अतिथियों एवं सभी शिक्षकों का धन्यवाद ज्ञापन किया.