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रांची/डेस्क: पूर्णिया जिले के रजीगंज के टेटगामा टोला में 13 जुलाई को एक दर्दनाक घटना घटी, जब अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और भय का माहौल बना दिया है. मृतकों में बाबू लाल उरांव (50), उनकी पत्नी सीता देवी (48), मां कातो देवी (65), बेटा मंजीत कुमार (25) और बहू रानी देवी (23) शामिल हैं, जिन्हें पीट-पीटकर और जलाकर हत्या कर दिया गया.
घटना के बाद धर्मगुरु बंधन तिग्गा और उनकी चार सदस्यीय टीम ने पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पूर्णिया का रुख किया. टीम ने मृतक के भाई जगदीश उरांव, अर्जुन उरांव, जितेंद्र उरांव और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की. इसके अलावा, गांव की महिलाओं से भी घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की.
गांव में भय का माहौल होने के कारण कई पुरुष गांव छोड़कर फरार हो गए हैं, जिनमें से कुछ निर्दोष भी हो सकते हैं. पुलिस ने ओझा सहित तीन-चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ अन्य फरार हैं. इस दौरान, धर्मगुरु की टीम ने पीड़ित परिवार के बच्चे सोनू उरांव से भी मुलाकात की, जो इस हिंसा में बचकर भागने में सफल रहा था. सोनू के साथ भी मारपीट की गई थी. डीएम से अनुमति प्राप्त करने के बाद उसे धर्मगुरु और उनकी टीम से मिलने दिया गया. इसके बाद, टीम कटिहार रवाना हुई, जहां एक अन्य दुखद घटना की जानकारी मिली, जिसमें दो बच्चियों की सर्पदंश के कारण मृत्यु हो गई थी.
धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने ग्रामीणों से अपील की कि वे नशा, अंधविश्वास और अशिक्षा को समाप्त करने के लिए जागरूक हों और एकजुट होकर ऐसे कृत्यों के खिलाफ आवाज उठाएं. उन्होंने यह भी वादा किया कि राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा हमेशा पीड़ितों के साथ खड़ी रहेगी और उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी. इस घातक घटना ने पूर्णिया और आसपास के क्षेत्रों में अंधविश्वास और उसकी भयावह परिणतियों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. धर्मगुरु तिग्गा की अपील से उम्मीद जताई जा रही है कि स्थानीय समुदाय अंधविश्वास को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे.