न्यूज़11 भारत
रांची स्थित बीआईटी मेसरा का आज 31वां दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस समारोह में लगभग 1 हज़ार छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई. बता दें कि रांची के बीआईटी मेसरा की स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी. और अभी बीआईटी मेसरा, देश का दूसरा अग्रणी अभियंत्रण विश्वविद्यालय है.
कोविड के कारण इस बार भी बीआईटी मेसरा का दीक्षांत समारोह बेहद सादा रहा. 2 वर्षों सत्र 2020 और 21 की डिग्रियां एक साथ छात्र छात्राओं को ऑनलाइन दी गई. कुल मिलाकर 6,555 छात्र छात्राओं को डिग्रियां मिली. 109 पीएचडी हासिल किए हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने डिग्री पाने वाले छात्र छात्राओं को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी.
बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने कहा कि 1955 में स्थापित बीआईटी मेसरा, देश का दूसरा सबसे पुराना और भव्य अभियंत्रण विश्वविद्यालय है. लगातार दो साल पांडेमिक के कारण विश्व विद्यालय के शिक्षण रिसर्च पर प्रभाव पड़ा है, मगर अब सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार धीरे-धीरे पठन-पाठन और सेमिनार जैसी गतिविधियां सामान्य हो रही है. आज का दिन संस्थान के छात्र छातओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. आज के दिन डिग्रियां मिलती हैं और लोग नौकरियों के लिए अप्लाई करते हैं.
रजिस्ट्रार कर्नल सुखपाल सिंह ने मौके पर कहा कि बीआईटी मिश्रा देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक है. खासकर यहां का रॉकेट्री साइंस डिपार्टमेंट जिसने, इसरो की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाई. डीआरडीओ की स्थापना में भी बीआईटी मिश्रा का डिपार्टमेंट ऑफ रिमोट सेंसिंग प्रमुख भूमिका में रहा. आज भी देश विदेश के महत्वपूर्ण संस्थानों के प्रमुख वैज्ञानिक और अभियंता बीआईटी मिश्रा से पढ़े लिखे लोग है.