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रांची/डेस्क: ब्रिटेन से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है, जहां इंसानी खोपड़ियों और हड्डियों का एक काला बाजार तेजी से फल-फूल रहा हैं. यह खौफनाक ट्रेंड अब कब्रों से हड्डियां चुराने जैसे गंभीर अपराधों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे देश में एक अजीबोगरीब डर का माहौल बन गया हैं.
दरअसल, ब्रिटेन में वर्तमान कानून मानव अवशेषों की खरीद-फरोख्त को अवैध नहीं मानता, जिसका फायदा उठाकर ऑनलाइन रिटेलर्स और निच शॉप्स में इंसानी शरीर के अंग बेचे जा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, इस बाजार में केवल खोपड़ियां और हड्डियां ही नहीं, बल्कि ममीकृत अंग, सिकुड़े हुए सिर और यहां तक कि इंसानी चमड़े से बने मास्क और पर्स भी शामिल हैं. इन चीजों की मांग उन लोगों में बढ़ रही है जो इन्हें रहस्यमयी या 'सुपरनैचुरल' मानते हैं.
इस बढ़ते चलन पर चिंता जताते हुए ब्रिटेन की जानी-मानी फॉरेंसिक वैज्ञानिक डेम सू ब्लैक ने चेतावनी दी है कि यह ऑनलाइन व्यापार 'बॉडी स्नैचिंग' यानी कब्रों से शव चुराने जैसे नए अपराध को जन्म दे रहा हैं. उन्होंने कहा कि लोग अब कब्रिस्तानों में सेंध लगाकर अवशेष निकाल रहे हैं ताकि उन्हें ऊंचे दामों पर बेच सके. ब्लैक ने सवाल उठाया कि जब पक्षियों के घोंसले बेचने पर कानूनी प्रतिबंध है, तो इंसानी शरीर को क्यों नहीं? उन्होंने इस तरह की गतिविधियों को समाज के लिए बेहद खतरनाक बताया.
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की डॉ. ट्रिश बियर्स ने इस बात की पुष्टि की है कि हाल के वर्षों में इस तरह की बिक्री में भारी उछाल आया है, जिसमें सोशल मीडिया का अहम योगदान हैं. हालांकि, कानूनी पेच यहां अपराधियों के लिए ढाल का काम कर रहे हैं. ब्रिटेन में कब्र को अपवित्र करना तो अपराध है, लेकिन मानव अवशेषों को 'संपत्ति' नहीं माना जाता. इसका मतलब यह है कि तकनीकी तौर पर उनकी चोरी की परिभाषा लागू नहीं होती. नतीजतन, ऐतिहासिक अवशेषों को गैरकानूनी ढंग से निकाला भी गया हो, तो उनकी खरीद-फरोख्त खुद-ब-खुद अपराध नहीं मानी जाती.