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दुनियाभर में विश्व दृष्टि दिवस हर साल अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को मनाया जाता है. इस बार यह आज यानी 14 अक्टूबर को है. विश्व दृष्टि दिवस आंखों की समस्याओं की स्थितियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. WHO के अनुसार 1 अरब लोग पास या दूर की दृष्टि दोष से प्रभावित हैं. आंख की बीमारी किसी भी आयु के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन 50 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों में यह अधिक है. आंखों की समस्याओं के कारण मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी बीमारियां शामिल है. यह महत्वपूर्ण है कि लोग इन कारणों के बारे में अधिक जागरूक हों. विश्व दृष्टि दिवस की शुरुआत उसी कारण से की गई थी. जिसे हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है.
इस साल का थीम
इस साल वर्ल्ड साइट डे की थीम है, “अपनी आंखों से प्यार करो”. ये थीम हमारी आंखों की हेल्थ के बारे में जागरूकता फैलाने और हमारी आईसाइट की देखभाल करने की आवश्यकता पर बल देती है. इस उद्देश्य के लिए, हमें अपनी आंखों का टेस्ट करवाना चाहिए और जिन्हें हम जानते हैं, उन्हें भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.
विश्व दृष्टि दिवस का इतिहास
विश्व दृष्टि दिवस की शुरुआत सबसे पहले लायंस क्लब फाउंडेशन ने की थी. जिसने दुनिया भर के अंधेपन निवारण संगठनों के साथ भागीदारी की थी. यह पहली बार 8 अक्टूबर 1984 में मनाई गई थी. लायंस क्लब फाउंडेशन, डब्ल्यूएचओ और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस इस दिन को मनाने के लिए सालों से काम कर रहे हैं. सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय से नेत्र देखभाल संगठनों के विकास पर काम करने और फंड के आयोजन में मदद करने के लिए काम कर रहे हैं.
विश्व दृष्टि दिवस का महत्व
साल 1990 में दुनिया में दृष्टि दोष के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही थी. इस कारण से TLCIF ने जागरूकता बढ़ाने के लिए फर्स्टसाइट अभियान आयोजित करने का फैसला किया. अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं हैं जो विभिन्न नेत्र देखभाल समितियों और अस्पतालों के प्रयासों को एक साथ लाती हैं, ताकि लोगों को आंखों से संबंधित समस्याओं के कारणों और लक्षणों के बारे में पता चल सके.