तेज आंधी और बारिश में आप झुग्गी झोपड़ी और मिट्टी के मकानों में रहने वाले लोगों को परेशान होते देखा होगा, लेकिन राजधानी रांची में ऐसे भी लोग रहते हैं जिनके पास रहने को पक्का मकान होने के बावजूद भी परेशानी झेल रहे हैं. रांची नगर निगम द्वारा बनाए गए बॉम्बे आवास में रहने वाले लोगों की जिंदगी हर दिन डर के साए में गुजर रही है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रांची नगर निगम ने 2010 में बॉम्बे आवास का निर्माण चिरौंदी बस्ती में कराया, लेकिन इस आवास के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया. आवास की दीवार महज 5 इंच का ही है, जिस पर प्लास्टर भी नहीं किया गया है. दीवार पर दरारे पड़ने लगी है, जिसे छूने से ही कांपने लगती है. दीवार के गिरने से किसी दिन कोई हादसा ना हो जाए, इसकी डर से लोग चैन की नींद नहीं सोते हैं, लेकिन दुर्भाग्य कहें या फिर लापरवाही, जिसे नींद से जागना चाहिए वो आंखें और कान बंद कर गहरी नींद में सोई हुई है. जब कभी तेज बारिश और हवा तूफान आती है तो लोग मकान छोड़कर मैदान में शरण ले लेते हैं. नए भवन की मांग को लेकर कई बार नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारी समेत मंत्री को भी अवगत करा कर लोग थक चुके हैं. इसके बावजूद अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है.
भगवान भरोसे 2 हजार लोगों की चल रही है जिंदगी
हर किसी की चाहत होती है कि उसका अपना एक आशियाना हो. लोगों की चाहत को पूरा करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक हर बेघर को घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघर जरूरतमंदों को आवास मुहैया कराया जा रहा है, जिनके पास जमीन नहीं है उन्हें फ्लैट बनाकर बसाया जा रहा है. इसी के तहत वार्ड 4 के चिरौंदी में रांची नगर निगम ने 8 ब्लॉक का फ्लैट बनाया है. जो महज 10 साल में ही जमीनदोज होने के कगार पर है. अगर जल्द यहां रहने वाले लोगों को दूसरे जगह शिफ्ट नहीं किया गया तो, किसी दिन हादसे की चपेट में लोग आ सकते हैं. बता दें कि इस आवास में लगभग 2 हजार लोग रहते हैं, जिनकी जिंदगी भगवान भरोसे चल रही है.