झील के अलावा जलकुंभी से पटा है हुरहुरु तालाब, छठ पर्व के मद्देनजर सफाई को लेकर प्रेशर में नगर निगम
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हिन्दुओं की आस्था के महान प्रकृति पर्व छठ के आगमन की आहट सुनाई देने लगी हैं. हजारीबाग शहर में झील सहित विभिन्न छठ घाटों में सूर्य को अर्भूय देने की परंपरा है लेकिन सबसे प्रसिद्ध हजारीबाग झील है, जहां बहुत बड़ी संख्या में छठ व्रती एवं श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है लेकिन झील में चारों तरफ जलकुंभी एवं खर पतवार का साम्राज्य व्याप्त हैं. उसी प्रकार हुरहुरु तालाब में जलकुंभी के कारण तालाब का अस्तित्व ही गुम हो गया हैं. खास बात है कि झील व अन्य तालाबों से जलकुंभी को साफ करने मजदूरों की शरण में जाना पड़ा, जैसे पूर्व के वर्षों में छठ के अवसर पर झील व अन्य घाटों की सफाई के लिए मजदूर लगाए जाते थे. अब झील का दृश्य ऐसा है कि जलकुंभी हटाने के लिए डाई करोड़ रुपए की मशीन जलकुभियों से घिरी झील में खड़ी है वहीं उसी जगह नगर निगम द्वारा लगाए गए दैनिक मजदूर झील में जलकुभियों की सफाई के काम में जुटे हैं.
वास्तव में यह स्थिति एक दूसरे को मुंह चिढ़ाने वाली हैं. दूसरी तरफ छठ पर्व और झील की हालत को देखते हुए नगर निगम प्रशासन को आखिरकार झील में जलकुंभी साफ करते मजदूर और लाल घेरा में बीड हार्वेस्टर के लिए ढ़ाई करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का बीड़ हार्वेस्टर नगर निगम द्वारा 2022 में खरीदा गया था. वह बीड हार्वेस्टर झील में एक किनारे पड़ा है और उसे चारों तरफ से जलकुंभी अपने घेरे में ले रखा हैं. नगर निगम सूत्रों के मुताबिक बीड हार्वेस्टर दो तीन महीने से खराब है जबकि इस वक्त उसकी बहुत जरुरत हैं.
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4-5 दिनों में वीड हार्वेस्टर बनने की उम्मीद
जानकारों का कहना है कि नगर निगम ने बीड हार्वेस्टर की सप्लाई करने वाले एजेंसी से बातचीत हुई है और हार्वेस्टर को ठीक कराने के लिए कहा गया हैं. एजेंसी ने आगामी सप्ताह मंगलवार तक अपने प्रतिनिधि और मैकेनिक भेजने का भरोसा दिया हैं. लिहाजा मैकेनिक के पहुंचने और हार्वेस्टर की मरम्मती हो जाने पर जलकुभियों की सफाई की उम्मीद टिकी है अन्यथा पहले की तरह उन्हीं दैनिक मजदूरों पर सफाई का दारोमदार होगा, जहां तक कर सकें.
जलकुंभी के आगोश में हुरहुरु तालाब, हुरहुरु तालाब की है और खराब स्थिति
हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में हुरहुरु में बड़ा तालाब है और वहां आसपास की घनी आबादी बहुत बड़ी संख्या में छठ में अध्य देने उमड़ती हैं. उस तालाब का एक भी कोना जलकुंभी से अछूता नहीं है बल्कि जलकुंभी के कारण तालाब का पता भी नहीं चलता है, सब्जी का बागान नजर आता हैं. ऐसे में नगर निगम के समक्ष चुनौती है कि छठ से पहले निगम क्षेत्र में स्थित दो दर्जन छठ घाटों की सफाई कैसे कराएं ?