सैटेलाइट और फेनोकैम तकनीक के माध्यम से झारखंड के वनों की मौसमी निगरानी को मिलेगी नई दिशा
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: वन पारिस्थितिकी तंत्र में मौसमी बदलावों की निगरानी को वैज्ञानिक आधार पर सुदृढ़ करने के उद्देश्य से नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC, ISRO), हैदराबाद, बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT), मेसरा और झारखंड वन विभाग के बीच मंगलवार को एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते के तहत झारखंड में फेनोकैम-आधारित वन फेनोलॉजी मॉनिटरिंग प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी, जिसमें उपग्रह डेटा और ग्राउंड-बेस्ड फेनोकैम तकनीक का समन्वय किया जाएगा.
समारोह का आयोजन बीआईटी मेसरा परिसर में किया गया, जिसकी शुरुआत डॉ. वी. एस. राठौड़, विभागाध्यक्ष, रिमोट सेंसिंग और जियोइन्फॉर्मेटिक्स विभाग द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुई. उन्होंने पर्यावरणीय अनुसंधान में शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के बीच सहयोग की भूमिका को रेखांकित किया.
परियोजना का तकनीकी खाका डॉ. नीरज प्रियदर्शी, वैज्ञानिक, एनआरएससी कोलकाता द्वारा प्रस्तुत किया गया. उन्होंने बताया कि फेनोकैम सेंसर और सैटेलाइट डेटा के एकीकृत उपयोग से झारखंड के वनों में मौसमी परिवर्तनों की सटीक और सतत निगरानी संभव होगी. इसके साथ ही डॉ. गिरीश पुजार, वैज्ञानिक, इसरो मुख्यालय, बेंगलुरु ने इस परियोजना के महत्व और वैज्ञानिक उपयोगिता पर प्रकाश डाला.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. इंद्रनील मन्ना, कुलपति, बीआईटी मेसरा ने कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए अनुसंधान-आधारित सहयोग अत्यंत आवश्यक है. डॉ. प्रकाश चौहान, निदेशक, एनआरएससी हैदराबाद ने कहा कि फेनोलॉजिकल निगरानी वनस्पति की जलवायु प्रतिक्रिया को समझने में अहम भूमिका निभाती है. परितोष उपाध्याय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), झारखंड सरकार ने वन प्रबंधन में वैज्ञानिक तकनीकों के उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया. वहीं डॉ. एस. के. वास्तव, मुख्य महाप्रबंधक, क्षेत्रीय रिमोट सेंसिंग केंद्र (ISRO), ने उपग्रह डेटा के व्यावहारिक उपयोग और उसके स्थानीय व क्षेत्रीय स्तर पर प्रभावशीलता को समझाया.
समझौते का औपचारिक आदान-प्रदान सूरज सिंह, जिला वन पदाधिकारी (DFO), हजारीबाग, एनआरएससी वैज्ञानिकों और डॉ. सुदीप दास, कुलसचिव, बीआईटी मेसरा के बीच हुआ. इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें डॉ. सी. जेगनाथन, प्रोफेसर, रिमोट सेंसिंग और जियोइन्फॉर्मेटिक्स विभाग एवं वर्तमान कुलपति, सरला बिरला विश्वविद्यालय; रवि रंजन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, झारखंड; और एस. आर. नटेश, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), झारखंड प्रमुख रूप से शामिल थे. कार्यक्रम में विभिन्न डीन, संकाय सदस्य और वन विभाग से जुड़े अधिकारी भी उपस्थित रहे.
फेनोकैम एक स्थायी डिजिटल कैमरा प्रणाली है, जिसे वनों में स्थापित किया जाता है. यह वनस्पति की लगातार छवियां कैप्चर करता है और पत्तों का उगना, फूलों का खिलना व झड़ना जैसे मौसमी बदलाव दर्ज करता है. जब इसे उपग्रह रिमोट सेंसिंग डेटा के साथ जोड़ा जाता है, तो यह वन स्वास्थ्य का सटीक आकलन करने, उपग्रह डेटा का स्थलीय सत्यापन करने और वन क्षेत्र में जलवायु से जुड़ी प्रारंभिक चेतावनी संकेतों की पहचान में सहायक होता है.
इस परियोजना के माध्यम से वन फेनोलॉजी की निगरानी, जलवायु अनुसंधान, कार्बन उत्सर्जन विश्लेषण और जैव विविधता संरक्षण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराया जाएगा. यह पहल झारखंड में पारिस्थितिकी संरक्षण और स्थिरता की दिशा में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रभावशाली उपयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है.