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रांची/डेस्क: बहुचर्चित आठ साल पुराने यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, जबरन धर्म परिवर्तन वाले तारा शाहदेव प्रकरण में अदालत ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. रंजित कोहली को IPC की धारा 120B, 376,323,298, 506,496 में ,कौशल्या रानी को IPC की धारा 120B,298, 506,323 में और मुस्ताक अहमद को IPC की धारा 120B,298 में दोषी करार दिया गया है. इन तीनों दोषियों की सजा 5 अक्टूबर को निर्धारित की जाएगी. अब इस मामले में 5 अक्टूबर को आरोपी रंजीत कोहली उनकी मां कौशल्या रानी और हाई कोर्ट के बर्खास्त रजिस्टार मुस्ताक अहमद की बाकी जिंदगी का फैसला तय होगा.
तारा शाहदेव ने जताई खुशी, कहा इंसाफ मिला
नेशनल राइफल शूटर रही तारा शाहदेव ने सीबीआई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आखिर उन्हों कोर्ट से इंसाफ मिल गया. इस फैसले पर संतुष्टी जताते हुए मीडिया सहित केस से जुड़े सभी लोगों का धन्यवाद भी किया.इस मामले में आज शुक्रवार को CBI की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाया . 23 सितंबर को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था.आरोपियों पर लगे आरोप को सिद्ध करने के लिए CBI ने 26 गवाह और साक्ष्य पेश किया है. वहीं, आरोपियों ने बेगुनाही साबित करने के लिए 4 गवाह पेश किया गया.
धर्म परिवर्तन और यौन उत्पीड़न से जुड़ा है मामला
बता दें, मामला साल 2014 का है. यौन उत्पीड़न, जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए तारा शाहदेव ने हिंदपीढ़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 7 जुलाई 2014 को तारा सहदेव की शादी हिंदू रीति-रिवाज से रंजित कोहली उर्फ रकीबुल के साथ शादी हुई थी. शादी के बाद से इस्लाम धर्म के मुताबिक निकाह करने के लिए दबाव बनाए जाने लगा. इसका विरोध करने पर मारपीट करते हुए उन्हे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ना दी गई.
CBI ने 2015 में किया था मामले को टेक ओवर
CBI की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गई थी. जिसके बाद अदालत ने आरोपियों का बयान दर्ज कर लिया था. इसके बाद बचाव पक्ष ने अपने बचाव में गवाही दी. मामले में 2 जुलाई 2018 को तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. इस दौरान सीबीआई की ओर से 26 गवाहों को प्रस्तुत किया गया . घटना को लेकर शिकायत कोतवाली थाना में दर्ज कराई गई थी. बाद में परिजन सीबीआई जांच की मांग लेकर हाईकोर्ट गए. जहां झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में केस टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी.