शिशु वाटिका शिशुओं में शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित करने वाली पहली प्रयोगशाला है: मंजू श्रीवास्तव
किशोर कुमार जायसवाल/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क: प्रधानाचार्य सम्मेलन 2025 के तीसरे दिवस पर विद्या भारती की प्रमुख योजनाओं में शामिल शिशु वाटिका योजना पर प्रधानाचार्य को संबोधित करते हुए शिशु वाटिका की क्षेत्र प्रमुख मंजू श्रीवास्तव ने शिशु वाटिका के 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं की चर्चा करते हुए कहा कि शिशु विकास के क्रम में यदि शिक्षण क्रिया- आधारित हो तो शिशुओं का सर्वांगीण विकास निहित होता है. इसके अनुरूप विभिन्न आयाम जिसमें तरण ताल चिड़ियाघर, वास्तु संग्रह, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला आदि की जानकारी शिशुओं को प्रारंभ देनी चाहिए जिसको प्राप्त कर शिशु अपने जीवन के उच्च शिखर की ओर जागृत होने लगता है.
प्रातः कालीन सत्र में विद्या विकास समिति के सचिव नकुल शर्मा ने विद्यालय प्रबंधन एवं व्यवस्था संबंधी चर्चा प्रधानाचार्यो से की. साथ ही संस्कृति ज्ञान परीक्षा तथा प्रतिभा खोज और प्रतिभा चयन परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्य सम्मानित हुए. इस श्रेणी में स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य संजीव कुमार सिन्हा को सर्वाधिक अभिभावक एवं अन्य विद्यालय को अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा से जोड़ने पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ.
इससे पूर्व दूसरे दिवस के संध्या पर विद्यालय के बहनों ने देश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए भव्य रंगमंचीय कार्यक्रम प्रस्तुत किया. भैया बहनों की प्रस्तुति को देख सभा कक्ष में बैठे सभी आगंतुक प्रधानाचार्य एवं अधिकारी भाव विभोर हुए. कार्यक्रम में विद्या विकास समिति के प्रदेश सचिव नकुल शर्मा, विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री ब्रह्मा जी राव, प्रदेश सह मंत्री विद्या विकास समिति झारखंड की डॉक्टर पूजा सभी विभाग के विभाग निरीक्षक सहित सभी विभाग के विभाग निरीक्षक एवं पूर्णकालिक तथा स्थानीय प्रबंधन समिति के सचिव विजय बहादुर सिंह कोषाध्यक्ष प्रभात कुमार दास समिति सदस्य राजेश कुमार की उपस्थिति रही.