पंकज कुमार/न्यूज़11 भारत
घाघरा/डेस्क: घाघरा प्रखंड में छात्रों के लिए चल रही साइकिल वितरण योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है, वितरित की जा रही साइकिलों की गुणवत्ता को लेकर छात्रों और अभिभावकों में भारी असंतोष है. छात्रों का आरोप है कि उन्हें मिली कई साइकिलें खराब स्थिति में हैं, इनमें जंग लगे पुर्जे, ढीले ब्रेक, टूटी सीटें और पंचर टायर जैसी समस्याएं शामिल हैं, यह स्थिति सरकारी योजना के तहत मिलने वाले लाभ पर सवाल खड़े करती है, जिसका उद्देश्य छात्रों को स्कूल जाने में सुविधा प्रदान करना है.
साइकिल बनाने में 500 से 700 रुपये का खर्च लग रहा है छात्रों को
एक छात्र ने बताया कि उसे जो साइकिल मिली है उसे तुरंत मरम्मत की जरूरत है बिना मरम्मत के साइकल से चलने लायक नहीं है, साइकल बनवाने में 500-700 रुपए तक का खर्चा आ रहा है, हम लोग गरीब परिवार से हैं कहां से इतना पैसा लाएंगे,
मुझे जिला के अधिकारियों का दबाव था जल्दबाजी के कारण खराब साइकिल का वितरण किया - प्रखंड कल्याण पदाधिकारी
वहीं प्रखंड कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि उनको जिला से और प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा साइकल वितरण का दबाव था जिसके कारण खराब साइकल को जल्दबाजी में वितरण कर दिया गया , वहीं अभिभावकों ने मांग की है कि इस वितरण में हुई अनियमितताओं की जांच की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में छात्रों को अच्छी गुणवत्ता वाली साइकिलें मिलें, यह घटना सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को उजागर करती है.
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