झारखंड का वाजिब हक तो उसको मिलकर रहेगा, लेकिन झामुमो बताए कि यूपीए सरकार के समय का बकाया कितना था?
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: BJP के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज झारखंड मुक्ति मोर्चा पर एक और बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का जब भी झारखंड में आगमन होता है तो झामुमो के खेमे में डर समा जाता है. पीएम मोदी झारखंड को खरबों रुपए की सौगात देने आ रहे हैं. लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त झारखंड मुक्ति मोर्चा को अब भी डर सता रहा है. ये डर स्वाभाविक भी है क्योंकि पीएम मोदी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी अभियान चल रहा है. हेमंत सरकार तो पूरी तरीके से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए यह डर अच्छा भी है.
खनन से लेकर जमीन लीज पर सोरेन परिवार का कब्जा
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आदिवासियों और मूलवासियों की सबसे बड़ी दुश्मन झारखंड मुक्ति मोर्चा है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जिन आदिवासी और मूलवासियों को हक देने और नौकरी देने के नाम पर झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार में आई थी, उन्हीं को सबसे ज्यादा इस सरकार में ठगा गया. 5 वर्षों में 25 लाख नौकरियां के जगह हक मांगने निकले आदिवासी-मूलवासी छात्रों पर लाठियां बरसाई गई व फर्जी मुकदमों में फंसाया गया. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि खनन लीज की बात हो या जमीन लीज की बात हो, इन सब पर सोरेन परिवार का कब्जा रहा. उन्होंने कहा कि यहां सब प्रतियोगी परीक्षाएं कदाचार के भेंट चढ़ गई हैं. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि हद्द तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री हेमंत ने माइनिंग मंत्री और मुख्यमंत्री रहते खुद के नाम पर माइनिंग लीज ले ली. हेमंत सरकार पर पिछले 5 साल के कार्यकाल में 70 हजार करोड रुपए के घपले व घोटाले का आरोप लगा है.
ये झारखंड को बेचने वाले लोगों की सरकार
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जिस पार्टी ने झारखंड आंदोलन को 3 करोड रुपए में बेच दिया हो, वह पार्टी आज के दिन नैतिकता का पाठ पढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद इतने भोले-भाले थे कि तीन करोड़ रुपयों की रिश्वत की राशि को बैंक में रख दिया था. अब सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष ये मामला दोबारा खुला है व इस पर सुनवाई चल रही है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि ये झारखंड को बेचने वाले लोगों की सरकार है और इससे झारखंडी हित की अपेक्षा करना भी बेमानी है. हेमंत सोरेन बेल पर बाहर हैं, लेकिन झामुमो ऐसा बयान दे रही जैसे वह दोष मुक्त हो गए हैं. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि जमानत के दौरान की गई टिप्पणियां ट्रायल का हिस्सा नहीं होती. हेमंत सोरेन के मामले में तो अभी तक ट्रायल भी नहीं शुरू हुआ है. ऐसे में वह बेदाग कैसे हो गए? वैसे भी झारखंड की साढ़े तीन करोड़ जनता को पता है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार पिछले 5 साल से सत्ता पर बैठी है.