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रांची/डेस्क: आजकल, लिवर से जुड़ी बीमारियाँ, विशेषकर फैटी लिवर, आम होती जा रही हैं.इसे नजरअंदाज करना लिवर डैमेज, सिरोसिस और यहां तक कि कैंसर का कारण बन सकता है.फैटी लिवर का पता लगाने के लिए सामान्यतः SGOT और SGPT स्तर की जांच की जाती है; यदि ये स्तर उच्च होते हैं, तो यह संकेत है कि लिवर में समस्याएं उत्पन्न हो चुकी हैं.
हाल ही में, डायटीशियन श्वेता शाह पंचाल ने एक अद्भुत फल के बारे में जानकारी साझा की है, जो भारत में उपलब्ध है और फैटी लिवर के इलाज में मददगार हो सकता है.यह फल है ताड़गोला, जिसे आइस एप्पल के नाम से भी जाना जाता है.ताड़गोला में उच्च मात्रा में पौटेशियम होता है, जो लिवर की सफाई में मदद करता है और फैटी लिवर से बचाता है.
एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण
ताड़गोला में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होते हैं, जो न केवल लिवर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि एंटी-एजिंग के लाभ भी प्रदान करते हैं.यह फल लो कैलोरी है, जिससे यह वजन घटाने की कोशिश करने वालों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बन जाता है.
हाइड्रेशन का प्राकृतिक स्रोत
इसके अलावा, ताड़गोला में पानी की भरपूर मात्रा होती है, जो इसे डिहाइड्रेशन के शिकार व्यक्तियों के लिए अत्यधिक फायदेमंद बनाता है.गर्मियों में या किसी भी समय जब शरीर में पानी की कमी हो, ताड़गोला एक ताज़गी भरा और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है.
गट हेल्थ में सुधार
यदि किसी को गट हेल्थ से जुड़ी समस्याएँ जैसे एसिडिटी, कब्ज, अल्सर, या गैस की दिक्कत हो रही है, तो ताड़गोला इन सभी समस्याओं से लड़ने में मदद कर सकता है.इसके नियमित सेवन से पेट की समस्याएँ कम हो सकती हैं और पाचन तंत्र को सुधारने में सहायता मिलती है.
इस प्रकार, ताड़गोला न केवल एक स्वादिष्ट फल है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है.फैटी लिवर से बचाव के लिए इसे अपने आहार में शामिल करना एक स्मार्ट कदम हो सकता है.अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने और बेहतर जीवन जीने के लिए ताड़गोला को अपनी डाइट में शामिल करें.