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रांची/डेस्क: भीषण गर्मी और हीटवेव के कारण आए दिन देशभर में मौत की खबरें सामने आ रही हैं. 43 लोगों की मौत अब तक देशभर में भीषण गर्मी की वजह से हो चुकी है. हमारे दिमाग पर भीषण गर्मी का खतरनाक असर पड़ता है. शरीर का सहना इसके लिए मुश्किल हो जाता है.
बुरा असर पड़ता है दिमाग पर
बता दें कि जब कोई व्यक्ति मस्तिष्क और न्यूरोन के संपर्क में आता है तो गंभीर क्षति दिमाग को पहुंचती है. दिमाग के सेल्स 50-60 डिग्री सेल्सियस के बीच में तापमान होने पर डैमेज होने लगते हैं. क्योंकि दिमाग के सेल्स के अंदर इस स्थिति में प्रोटीन जमने लगता है. इंसान के लिए 60 डिग्री सेल्सियस के तापमान में जीना काफी खरनाक है. शरीर पर जब ज्यादा गर्मी पड़ती है तो ब्लड सर्कुलेशन खुलने लगते हैं. इसी वजह से ब्लड प्रेशर कम हो जाती है और शरीर को काफी ज्यादा दिल तक खून पहुंचाने के लिए मेहनत करनी पडती है.
शरीर का बुरा हाल होता है हीट वेव में
पैरों में सूजन या हीट रैशेज जैसे हल्के लक्षण गर्मी के कारण दिखाई देते है. क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन लीक हो जाती है और साथ ही शरीर में पानी की कमी होने क्गती है. इसकी वजह से शरीर में संतुलन बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है. यही कारण है कि ब्लड प्रेशर लो हो जाती है और थकावट महसूस होती है. चक्कर, मतली और बेहोशी, मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द की समस्या, पसीना और थकावट हीट वेव के कारण ही हो सकती है.
Disclaimer: यह आलेख कई मिडिया रिपोर्ट्स के आधार पर लिखी गई है. इस संबंध में उचित सलाहकार से सलाह जरुर लें.