अधिकारियों को दिए प्रत्येक सप्ताह एक प्रखंड के विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने का निर्देश
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद में आज विभागीय मंत्री रामदास सोरेन की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक समेत सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, सहायक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, लॉ एग्जीक्यूटिव, राज्य शिक्षा परियोजना से जुड़े पदाधिकारी शामिल हुए.
बैठक को संबोधित करते हुए मंत्री रामदास सोरेन ने स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तभी संभव है जब इसकी निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाए. सोरेन ने कहा कि सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक प्रखंड के विद्यालयों का औचक निरिक्षण करेंगे. निरिक्षण की जिओ टैग्ड फोटो विभाग को उपलब्ध कराये.
मंत्री Ramdas Soren ने कहा कि शिक्षक सरकारी नौकरी समझकर स्कूल में बच्चो को पढ़ाने ना जाए. वे अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी समझे. शिक्षा में सकारात्मक बदलाव तभी संभव है जब जिलों में तैनात पदाधिकारी अपनी भूमिका को निभाएं. जिलों में शिक्षा की नींव जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक के कंधो पर टिकी है. उन्होंने कहा कि अगर परीक्षाफल अपेक्षाकृत नहीं हुए, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग को लेनी चाहिए. साथ ही शिक्षकों में ये भय होना चाहिए कि उनके ऊपर भी कोई है.
लापरवाही पर तीन जिलों को शोकॉज
बच्चो को पोशाक, टेक्स्टबुक वितरण और शू एंड सॉक्स की राशि, स्टेशनरी वितरण में लापरवाही पर विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह ने पूर्वी सिंघभूम, लोहरदगा और सिमडेगा को शोकॉज जारी करने का निर्देश दिया गया. साथ ही स्टेशनरी सामग्री वितरण में जामताड़ा जिले के प्रदर्शन पर भी नाराजगी जताई गयी. सचिव ने कहा कि टीम बनाकर देवघर, पश्चिम सिंघभूम, पलामू और लोहरदगा के 50 स्कूलों का रैंडम सर्वे कराया जाए. सर्वे के रिपोर्ट के आधार पर यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चो को योजनाओ का लाभ समय पर मिल रहा है या नहीं. अगर सर्वे में किसी भी स्तर पर किसी पदाधिकारी की लापरवाही हुई, तो उसके विरुद्ध नियम सम्मत कार्रवाई की जाए.
C-CPD प्रशिक्षण पूरा नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश
बैठक में शिक्षकों के सतत क्षमता एवं पेशेवर विकास के लिए चलाये जा रहे 50 घंटे के अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यक्रम C-CPD कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण पूरा नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया गया है. शिक्षकों से कारण पूछा जाएगा, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. लापरवाह शिक्षकों के विरुद्ध जिला स्थापना समिति के माध्यम से आरोप पत्र बनाकर कार्रवाई के लिए निर्देश दिया गया है.
बैठक में विभागीय सचिव ने प्रवर्तन वेतनमान से जुड़े मामलो को जुलाई के पहले सप्ताह तक निपटाने का आदेश दिया. उन्होंने मासिक रेल परीक्षा से संबंधित डाटा ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर अद्यतन करने का निर्देश दिया है. सचिव ने अधिकारियो को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन जिलों में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों का प्रतिनियोजन हुआ है, वहां शिक्षकों के प्रतिनियोजन की जांच की जाए. खास तौर पर रांची, पलामू, लातेहार, दुमका, पूर्वी सिंघभूम, हजारीबाग और रामगढ़ में शिक्षक प्रतिनियोजन की जांच की जाए.
सचिव ने कहा कि कुल 18 संकेतकों पर सभी जिलों के उपायुक्तों को टेम्प्लेट भेजा गया है. यह सुनिश्चित करे कि उपायुक्तों की अध्यक्षता में प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में उन संकेतकों की समीक्षा हो.
नियुक्ति प्रक्रिया जून के अंत तक पूरा करने का निर्देश
विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस में स्कूल मैनेजर से संबंधित नियुक्ति प्रक्रिया को जून के अंत तक पूरा करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में हो रहे अनावश्यक विलंब से शिक्षा की गुणवत्ता में असर पड़ रहा है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बच्चो की स्वास्थ्य जांच का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करे
बैठक में झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन ने अधिकारियो को बच्चो की स्वास्थ्य जांच से संबंधित शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया. पीएम पोषण योजना के साथ साथ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की संयुक्त रिपोर्टिंग करते हुए डाटा को MIS में अपलोड करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि योजनाओ की रिपोर्टिंग और डाटा एंट्री पर सभी जिले अनिवार्य रूप से ध्यान दे.