गौरव पाल/न्यूज 11 भारत
बहरागोड़ा/डेस्क: सत्संग उपासना केंद्र सत्संग विहार बहरागोड़ा में रविवार को परमाराध्या जगतजननी श्री श्री बड़माँ की 132वीं जयंती श्रद्धा एवं भक्ति भाव से मनाई गई. इस अवसर पर मातृ सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.
दीप प्रज्वलन से हुई शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत “बंदे पुरुषोत्तम धनी” गान और शंखध्वनि के बीच दीप प्रज्वलन कर की गई. इसके बाद सामूहिक नाम जप, ध्यान, सत्य अनुसरण ग्रंथ और नारी नीति ग्रंथ का पाठ किया गया. पूरा वातावरण भक्ति और आध्यात्मिकता से ओतप्रोत हो गया.
भक्ति गीत और प्रेरक प्रसंग
भक्तों ने संगीतांजलि कार्यक्रम में भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. सम्मेलन में माताओं ने श्री श्री ठाकुर अनुकुलचंद्र जी और बड़माँ की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ठाकुर जी सभी जीवों की रक्षा करते हैं और उनका जीवन प्रेम व त्याग का अद्भुत संदेश देता है.
गुरु समर्पण का संदेश:
माताओं ने अपने संबोधन में कहा कि “मानव को अपने गुरु के प्रति समर्पित होना चाहिए, गुरुमुखी जीवन ही सच्चे आनंद का मार्ग है.”
सात्वति पत्रिका के माध्यम से भी ठाकुर जी से जुड़े प्रेरक प्रसंगों का वर्णन किया गया, जिसने श्रद्धालुओं को गहराई से प्रभावित किया.
हजारों भक्तों की सहभागिता
इस मातृ सम्मेलन में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए. पूरे परिसर में भक्ति रस और आध्यात्मिक ऊर्जा का माहौल बना रहा.