न्यूज11 भारत
रांची/डेस्क: सीएनटी की धारा 49 इन दिनों जमीन दलालों, बिचौलियों, नेताओं और अधिकारियों की ढाल बन गयी है. धारा 49 के तहत कृषि, उद्योग, खनन समेत अन्य कुछ विशेष मामलों में जिले के डीसी के आदेश पर आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी ले रहे हैं लेकिन उसके बाद जमीन का दूसरे प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. जमीन को उद्योग लगाने के लिए लिया जा रहा है लेकिन जमीनों पर ढाबा, कोल्ड स्टोरेज, पेट्रोल पंप समेत अन्य व्यावसायिक कार्य किेए जा रहे हैं. यह सीएनटी की धाराओं का साफ उल्लंघन है लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों को इसकी सूचना के बावजूद मैनेज का यह खेल लगातार सालों से चल रहा है और आदिवासियों की जमीन पर गैर आदिवासियों का कब्जा हटाया नहीं जा रहा.
जानिए, क्या है धारा-49
सीएनटी की धारा 49 में उद्योग व खनन के लिए आदिवासी जमीन लिए जाने का प्रावधान 1996 में किया गया था. संशोधन प्रस्ताव में उद्योग व खान के अलावा विकास कार्यो मसलन स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी व अन्य के लिए जमीन लिए जाने का भी प्रावधान किया गया है. लेकिन सीएनटी की शर्तों के अनुसार जिस उद्देश्य के लिए जमीन ली गयी है उसी उद्देश्य के लिए उसका इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि इसमें किसी भी तरह का बदलाव किया गया तो जमीन उसी आदिवासी मालिक को वापस कर दी जाएगी.
सीएनटी की धारा-49 में नहीं होगा संशोधनः टीएसी
छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) की धारा-49 (1) में कोई संशोधन नहीं किए जाने संबंधी निर्णय रघुवर दास की सरकार में ही लिए गए.आदिवासियों की सबसे बड़ी पंचायत जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) ने जमीन अधिग्रहण के लिए सीएनटी में संशोधन की जगह सरकार को अन्य विकल्पों पर विचार करने की सलाह दी. पूर्व सीएम रघुवर दास की अध्यक्षता में बाकायदा बैठक में तय किया गया था कि सीएनटी की धारा 49 में संशोधन की जगह भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन किया जाएगा. टीएसी सदस्यों ने दावा किया था कि जनजातीय समाज की जमीन अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
भूमि वापसी के मामले जो वर्षों से लंबित
हेमंत सरकार ने फैसला लिया था कि सीएनटी एक्ट धारा 49 (5) के तहत भूमि वापसी के वर्षों से लटके मामलों का निपटरा जल्द किया जाएगा. 2020 में ऐसे 13 मामलों को रखा गया है. सरकार के इस फैसले से वैसे भूस्वामियों में उम्मीद जगी जिनकी जमीन छलपूर्वक या किसी अन्य माध्यम से आदिवासी रैयतों से ले ली गयी थी.
सालों से लंबित इन मामलों पर सुनवाई
केस-1
सरस्वती कच्छप, एयरपोर्ट रोड खोखमा टोली हटिया बनाम रामजी प्रसाद मामले में रीता सिन्हा, लक्ष्मी नारायण, प्रिया नुपुर, पूजा नुपुर, तुलसी महतो सहित 13 लोग हैं. मामला मौजा गढ़खटंगा, खाता संख्या-15 ,प्लॉट संख्या 336, रकबा 1.6 एकड़ भूमि से जुड़ा है.
केस-2
जगदीश मांझी ग्राम पसेरिया थाना बड़कागांव जिला हजारीबाग बनाम नवीण कुमार ओझा मौजा पसेरिया, खाता नं. 8 ,प्लॉट नं. 670, 74, 75, 85, 86, 87 एवं 88 कुल रकबा 5.10 एकड़
केस 3
संजय पाहन ग्राम बूटी, थाना सदर, जिला रांची बनाम ऋतृल मुंजाल, फिरायालाल कंपाउंड, अपोजिट रेडिसन ब्लू, रांची. जिस जमीन को लेकर चल रहा मामला मौजा बूटी, थाना नं. 182 खाता संख्या 79 प्लॉट संख्या 1947, 1948 एवं 1949 कुल रकबा 2.90 एकड़.
केस 4
गहना उरांव, पुरन उरांव अरगोड़ा रांची बनाम पी. डी. एक्का, लीवेंस को-ऑपरेटिव सोसायटी लि. कैथोलिक चर्च डोरंडा रांची. जिस जमीन की वपसी का मामला है, वह अरगोड़ा मौजा का खाता नं. 226 का है, जिसका कुल रकबा 0.92 एकड़ है.
केस 5
झिरगा उरांव, होदा उरांव, बिरसा उरांव ग्राम अरगोड़ा पीपराटोली, थाना अरगोड़ा जिला रांची बनाम बनर्ड डुंगडुग एवं अन्य लीवेन्स को-ऑपरेटिव सोसायटी लि., कैथेलिक चर्च, रांची. यह मामला 2001-02 से ही चल रहा है. जिस भूमि की वापसी का मामला है, वह अरगोड़ा मौजा की खाता नंबर 44 रकबा 0.73 एकड़ है.
केस -6
चमरा उरांव , गोयन उरांव ग्राम अरगोड़ा पीपराटोली, थाना अरगोड़ा जिला रांची बनाम एलिजाबेथ कुजूर लीवेंस को-ऑपरेटिव सोसायटी लि. कैथोलिक चर्च, डोरंडा रांची. जिस जमीन पर मामला है, वह अरगोड़ा मौजा की खाता सं 189, खेसरा सं. 1121 एवं 1122, कुल रकबा 0.48 एकड़ है.
केस -7
जीतन उरांव पीपराटोली, थाना अरगोड़ा जिला रांची बनाम बनाम ए. एक्काए लीवेंस को-ऑपरेटिव सोसायटी लि., कैथोलिक चर्च, डोरंडा, रांची का है. जमीन अरगोड़ा मौजा की खाता सं 112, खेसरा सं. 445, रकबा 0.36 एकड़ है.
केस -8
फागू मांझी एवं अन्य ग्राम बरबनिया टोला इंद्रा, पोस्ट गोसाई बलिया, थाना बड़कागांव, जिला हजारीबाग बनाम नवीन कुमार ओझा, प्रोजेक्ट ऑफिसर मे. रोहिणी कोल कंपनी, अशोक नगर रांची. जमीन मौजा बरबनिया की खाता न.1144, 1147, 1309, 1391, 1396, 1400, 1402, 1449 एवं 1330 है, जिसका कुल रकबा 3.49 एकड़ है.
केस -9
देमका मांझी, ग्राम बरबनिया टोला, इंद्रा, पोस्ट गोसाई बलिया, थाना बड़कागांव, जिला हजारीबाग बनाम नवीन कुमार ओझा, प्रोजेक्ट ऑफिसर मे. रोहिणी कोल कंपनी, अशोक नगर रांची. जमीन मौजा बरबनिया, खाता नं. 182 प्लॉट नं. 1336, 1137, 1162 एवं 1222, कुल रकबा 1.6 एकड़ है.
केस -10
करमी देवी, देना मांझी ग्राम बरबनिया टोला इंद्रा, पोस्ट गोसाई बलिया, थाना बड़कागांव, जिला हजारीबाग बनाम नवीन कुमार ओझा, प्रोजेक्ट ऑफिसर मे. रोहिणी कोल कंपनी , अशोक नगर रांची जिस जमीन पर चल रहा मामला वह मौजा बरबनिया, खाता न. 181 का है जिसमें कुल रकबा 17.28 एकड़ है.