Sawan Somwar 2021: श्रावण मास का महीना शुरू हो चुका है. आज इस महीने का दूसरा सोमवार है. आज सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व माना जाता है. क्योंकि सावन और सोमवार दोनों ही भगवान शिव की पूजा के लिए खास होते है.
ऐसे में शिवजी की पूजा करते समय कुछ सावधानियों को बरतना जरूरी होता है. शिवजी की पूजा में केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि केतकी के फूल चढ़ाने से भगवान शिवजी नाराज हो जाते हैं. इसके अलावा, तुलसी को कभी भी भगवान शिवजी को अर्पित नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.
इस दिन जल्दी उठकर स्नान करें
मंदिर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें.
माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं.
पंचामृत से रुद्राभिषेक करें, बिल्व पत्र अर्पित करें.
शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं और सभी को तिलक लगाएं.
प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर का भोग लगाएं.
धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें.
आखिर में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद बांटें.
दूसरी सोमवारी पर बन रहा बुधादित्य योग
सावन मास की दूसरी सोमवारी को शिव पूजन का विशेष महत्व रहेगा. हिंदू धर्म के अनुसार 27 नक्षत्र हैं. इसमें तीसरे नक्षत्र का नाम भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय के नाम पर रखा गया है. इस नक्षत्र के स्वामी सूर्य और राशि के स्वामी शुक्र हैं. सोमवार को इन सब के बीच सूर्य कर्क राशि में बुध ग्रह के साथ बुधादित्य योग बना रहे हैं. वहीं, शुक्र सिंह राशि में मंगल के साथ युति बना रहे हैं, जो अनंत फल देने वाला हो जाता है. इसलिए इस सोमवार का व्रत और शिव पूजन विशेष महत्व रहेगा.