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रांची/डेस्क: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन हंगामा हुआ, जब कुपवाड़ा से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक ने केंद्र शासित प्रदेश में अनुच्छेद 370 की बहाली के समर्थन में बैनर दिखाया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने नारे लगाए और इंजीनियर राशिद के भाई और अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक शेख खुर्शीद सहित साथी सदस्यों के साथ एक बैनर को लेकर झड़प की. भाजपा विधायकों को खुर्शीद अहमद शेख के साथ सदन के वेल में जाते देखा गया, जिन्हें विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर के आदेश पर मार्शलों द्वारा सदन से बाहर निकाल दिया गया.
भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पर लगाया आरोप
सत्र के दौरान, भाजपा विधायकों और विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा पीडीपी के खिलाफ कई नारे लगाए गए. भाजपा विधायकों ने सदन में 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए. हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए, जम्मू-कश्मीर के एलओपी सुनील शर्मा ने इसे "लोकतंत्र का सबसे काला दिन" करार दिया. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर सदन के बजाय "नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष" की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया. शर्मा ने आरोप लगाया कि स्पीकर विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं. शर्मा ने कहा, "यह जम्मू-कश्मीर के लोकतंत्र का सबसे काला दिन है. पिछले तीन दिनों से स्पीकर - जिन्हें सदन का संरक्षक माना जाता है, मार्शल लॉ लागू कर रहे हैं और नेशनल कॉन्फ्रेंस के स्पीकर की तरह व्यवहार कर रहे हैं. वे विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं."
अनुच्छेद 370 एक इतिहास...
अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर हंगामा शुरू होने पर विपक्ष के नेता शर्मा ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह सदन संसद और सुप्रीम कोर्ट से बड़ा नहीं है और इस विषय पर बहस नहीं हो सकती. भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाले जाने के बाद शर्मा ने कहा कि वे (विपक्ष) स्पीकर के खिलाफ सदन के बाहर समानांतर विधानसभा चलाएंगे. उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि ये सभी कार्य गैरकानूनी, अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक हैं. प्रस्ताव (अनुच्छेद 370 को बहाल करने का) स्पीकर ने खुद तैयार किया था. हम चाहते हैं कि वे इसे वापस लें. अनुच्छेद 370 एक इतिहास है - इस पर अब बहस नहीं हो सकती. यह विधानसभा संसद और सुप्रीम कोर्ट से बड़ी नहीं है. हम इस पर बहस करना चाहते थे - जिस तरह से स्पीकर के निर्देश पर मार्शलों ने हमारे विधायकों के साथ मारपीट की, उन्होंने आज भी ऐसा ही किया. अब हम समानांतर विधानसभा चलाने के लिए यहां धरने पर बैठेंगे जो स्पीकर के खिलाफ है." इससे पहले 6 नवंबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली के प्रस्ताव को लेकर हंगामा हुआ था. उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने प्रस्ताव की मांग की थी, लेकिन विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई थी.