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रांची/डेस्क: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने मानव तस्करी के विरुद्ध चलाए जा रहे ऑपरेशन 'AAHT' के अंतर्गत एक अहम सफलता हासिल की है. RPF हटिया पोस्ट, CIB/RPF रांची और फ्लाइंग टीम रांची ने संयुक्त रूप से 24 जून को हटिया रेलवे स्टेशन पर एक विशेष चेकिंग अभियान के दौरान मानव तस्करी के प्रयास को विफल करते हुए पाँच नाबालिग लड़कों को मुक्त कराया और एक आरोपी को गिरफ्तार किया.
यह कार्रवाई RPF कमांडेंट पवन कुमार के निर्देशानुसार एवं DI/CIB रांची के मार्गदर्शन में की गई. प्लेटफॉर्म संख्या 01 पर, शाम के समय लिफ्ट के पास खड़े छह व्यक्तियों पर सुरक्षाकर्मियों की नजर पड़ी. पूछताछ में पता चला कि इनमें से पाँच नाबालिग हैं और उन्हें झारखंड से कर्नाटक ले जाया जा रहा था. सभी नाबालिग पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से हैं. उनके साथ मौजूद युवक की पहचान झूलन कुमार (24 वर्ष), निवासी कोटशिला, पुरुलिया के रूप में हुई.
मुक्त कराए गए नाबालिगों ने बताया कि एक व्यक्ति, जयंता कुमार (33 वर्ष), उन्हें रोजगार का झांसा देकर बेंगलुरु ले जाने की योजना बना चुका था. आरोप है कि जयंता ने बच्चों के लिए फर्जी आधार कार्ड भी बनवाए थे, जिनमें उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक दर्शाई गई थी. बच्चों ने बताया कि झूलन कुमार से उनकी मुलाकात झालदा रेलवे स्टेशन पर कराई गई थी और उसे ही यात्रा के खर्च और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
पूछताछ में झूलन कुमार ने कबूल किया कि वह बच्चों या उनके परिवारों को नहीं जानता और उसे ठेकेदार जयंता कुमार ने बच्चों को ले जाने के लिए भेजा था. यह स्पष्ट हो गया कि यह मामला बाल श्रम के उद्देश्य से राज्य पार मानव तस्करी का है. आरपीएफ ने झूलन कुमार से 2 रेलवे टिकट, 2 फर्जी आधार कार्ड, 2 आधार की छायाप्रतियां, एक Xiaomi 5G मोबाइल फोन तथा ₹600 नकद बरामद किए हैं. इसके बाद आरोपी को कानूनी कार्रवाई हेतु AHTU/कोतवाली रांची के हवाले कर दिया गया, जबकि सभी नाबालिगों को बाल आश्रय गृह, रांची भेजा गया. इस मामले में AHTU/कोतवाली, रांची द्वारा BNS की धारा 137(2), 143(5), 318(4), 338, 336(3), 13(5) तथा किशोर न्याय अधिनियम (JJ Act) की धाराओं 75 और 81 के तहत केस दर्ज किया गया है.
प्रशंसनीय कार्य करने वाली टीम के सदस्य थे:
- एसआई सूरज राजबंसी
- एएसआई संदीप गुप्ता
- अभिषेक कुमार
- अनिल कुमार
- बलराम गोप
- अरविंद कुमार यादव
- छोटे कुमार सिंह
रेलवे सुरक्षा बल की इस सतर्कता से एक और मानव तस्करी का मामला समय रहते रोका जा सका, जो ऑपरेशन AAHT की प्रभावशीलता को दर्शाता है.