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नई दिल्ली/डेस्क: भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) को नया नेतृत्व मिल गया है. 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को रॉ का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है. वह मौजूदा चीफ रवि सिन्हा का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है. पराग जैन का कार्यकाल दो साल का होगा और वह सोमवार को औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण करेंगे.
पंजाब कैडर के अधिकारी पराग जैन फिलहाल एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) का नेतृत्व कर रहे हैं, जो रॉ के तहत काम करने वाली एक अहम इकाई है. इस केंद्र ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की सेना से जुड़ी खुफिया सूचनाएं एकत्र कर रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
जैन को पाकिस्तान मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. उन्होंने आतंकवाद-रोधी अभियानों में भी अहम भूमिका निभाई है, खासकर जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में. इसके अलावा वह चंडीगढ़ के एसएसपी रह चुके हैं और कनाडा व श्रीलंका में भारतीय खुफिया प्रतिनिधि के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं.
रॉ की पृष्ठभूमि
रॉ की स्थापना 21 सितंबर 1968 को हुई थी. इसके पहले प्रमुख आर. एन. काव थे. रॉ का मुख्य कार्य भारत के खिलाफ विदेशों में रची जा रही साजिशों का पता लगाना और संवेदनशील गुप्त अभियानों को अंजाम देना है. इस एजेंसी का संचालन सीधे प्रधानमंत्री के अधीन होता है और रॉ प्रमुख प्रतिदिन की रिपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) को सौंपते हैं. पराग जैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर खुफिया चुनौतियां तेजी से बढ़ रही हैं. उनकी नियुक्ति से रॉ को रणनीतिक और ऑपरेशनल दोनों मोर्चों पर मजबूती मिलने की उम्मीद की जा रही है.