न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: रांची का सबसे पुराना सरकारी बस स्टैंड रांची के रेलवे स्टेशन रोड में ओवरब्रिज के निकट स्थित है. लेकिन यह बस स्टैंड आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. इस बस स्टैंड से रांची के विभिन्न जिलों के लिए अच्छी और एसी बसें निकलती हैं, लेकिन इसके बाद भी बस स्टैंड सरकारी उपेक्षाओं का शिकार है. करीब 12 एकड़ भू-भाग पर अवस्थित इस सरकारी बस स्टैंड की बदहाली हैरत पैदा करती है. मगर इस बस स्टैंड से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है कि इस बस स्टैंड के दिन अब बहुरने वाले हैं.
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न्यूज 11 ने गत 17 अगस्त को रांची के सरकारी बस स्टैंड को लेकर राज्य के सरकारी महकमे का ध्यान आकृष्ट किया था. उसका असर भी दिखा है. .स्टेशन रोड स्थित सरकारी बस डिपो का मालिकाना हक बदलने वाला है, जिससे इस बस स्टैंड की सूरत भी बदलेगी.बस डिपो का स्वामित्व परिवहन विभाग से नगर विकास को हस्तांतरित किया जायेगा. इसी बदलाव का असर इसके स्वरूप को बदल देगा. बस स्टैंड के एक ड्राइवर ने बताया कि हमने देख रहे हैं कि हमारे सरकारी बस स्टैंड का विकास होने वाला है.
पुनर्विकास को ध्यान में रखकर हो रहा विकास
बस डिपो के रखरखाव और पुनर्विकास को ध्यान में रखते हुए विभागीय जिम्मेदारी में बदलाव किया जा रहा है. नगर विकास विभाग के पास स्वामित्व आने के बाद सरकारी बस डिपो में यात्री सुविधाओं का विकास किया जायेगा। राज्य सरकार ने बस डिपो के हस्तांतरण की कार्यवाही शुरू कर दी है। यात्रियों का कहना है कि हम चाहते हैं कि इस बस स्टैंड का विकास हो,
अविभाजित बिहार में 1989 को अस्तित्व में आया था यह बस डिपो
रेलवे स्टेशन रोड पर स्थिति यह सरकारी बस स्टैंड 1989 में बना था. अविभाजित बिहार में 1989 में बिहार राज्य पथ परिवहन निगम को डिपो के संचालन की जिम्मेदारी दी गयी थी. मगर समय के साथ बस डिपो जर्जर होता चला गया. वहां यात्री सुविधाओं की स्थिति दिनों-दिन बदतर होती चल गयी. बस डिपो में बनाये गये यात्री शेड व टिकट काउंटर खंडहर में तब्दील हो गये. झारखंड गठन के बाद बिहार सरकार से बंटवारा में हुए विवाद के कारण भी उसका जीर्णोद्धार कार्य अवरुद्ध रहा. कुछ वर्ष पहले ही बंटवारा विवाद हल होने के बाद झारखंड सरकार को डिपो पर राज्य सरकार को समुचित अधिकार मिला है.