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रांची/डेस्क: उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी, रांची मंजूनाथ भजंत्री के दिशा-निर्देश पर आज 11 जून 2025 को निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने हेतु जागरूकता कार्यक्रम सह प्रशिक्षण के तहत रांची के शहरी क्षेत्र एवं सभी प्रखंड में नशा मुक्ति एवं तंबाकू व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर प्रचार प्रसार वाहन एवं जागरूकता रथ (माइकिंग) को डॉ प्रभात कुमार, सिविल सर्जन, रांची के द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में नशीले पदार्थों के सेवन के खिलाफ जागरूकता पैदा करना और इससे होने वाले नुकसान से लोगों को अवगत कराना है. इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सिद्धेश्वर बास्की, जिला कार्यक्रम प्रबंधक,प्रवीण कुमार सिंह,जिला कंसलटेंट,टोबैको कंट्रोल सेल रांची सुशांत कुमार एवं अन्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे.
सिविल सर्जन रांची डॉ प्रभात कुमार ने जानकारी देते कहा की तंबाकू एवं मादक पदार्थ पर रोक लगाने हेतु पूर्ण संकल्पित है. चार दिवसीय प्रशिक्षण का आज तीसरा दिन है जिसमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला स्तर पर प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस प्रशिक्षण में प्रतिभागी के रूप में प्रत्येक ब्लॉक से चार चिकित्सा पदाधिकारी एवं 10 स्वास्थ्य कर्मी को प्रशिक्षित किया जा रहा है जो की इस प्रशिक्षण के उपरांत अपने-अपने कार्य क्षेत्र में मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण देने का कार्य करेंगे. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है कि तंबाकू एवं मादक पदार्थ से होने वाले बीमारी एवं इस्तेमाल में कमी लाई जा सके. माइकिंग के माध्यम से समुदाय के स्तर पर जागरूकता बढ़ेगी और लोग नशा छोड़ने के लिए प्रेरित होंगे l वही एक आंकड़े के मुताबिक झारखंड में तंबाकू एवं मादक पदार्थों के सेवन करने वाले लोग 38. 9% है जो की काफी अधिक है l इसकी रोकथाम हेतु हमें पंचायत लेवल तक प्रचार प्रसार किया जा रहा है. यह एक जन जागरूकता अभियान है जिसमे हम सभी की भागीदारी एवं सबका सहयोग अति महत्वपूर्ण है. हालांकि हाल ही में रांची जिला में तकरीबन 6000 हेक्टेयर भूमि पर लगे अफीम की फसल को नष्ट किया गया है.
डॉ एस बास्की ने बताया की देशभर में नशीली दावों की लत एक गंभीर समस्या बन गई है l खासकर युवा पीढ़ी किसी न किसी कारण से नशीली दावों का सेवन कर रहे हैं इससे न केवल परिवार में परेशानी होती है बल्कि समाज में अपराध भी बढ़ता जा रहा है. इन समस्या से निपटने के लिए इसे लेकर लोगों को जागरूक करना साथ ही इससे होने वाले भयानक दुष्परिणामों के बारे में लोगों को बताना होगा ताकि लोग इसका सेवन न करें.
डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि जिन लोगों की नशे की लत है वे परामर्श, पुनर्वास केन्द्र और दवा के माध्यम से इसे छोड़ सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन शैली अपना कर अपनी जिंदगी जी सकते हैं l इस जागरूकता कार्यक्रम का मकसद नशीली दवाओं के दुरुपयोग को कम करना, प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास करना और दीर्घकालिक सुधार के लिए एक सहायक वातावरण बनाना है. सुशांत कुमार, जिला परामर्शी, टोबैको कंट्रोल सेल ने कहा कि माइकिंग के माध्यम से हम मादक पदार्थों के सेवन को कम करने और उसके दुष्परिणामों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयासरत है l यह लोगों को नशे के नुकसान के बारे में शिक्षित करेगा.