प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: सीमा सुरक्षा बल मेरू कैंप में 21 अक्टूबर 2024 को 01 सितंबर 2023 से 31 अगस्त 2024 की अवधि में पुलिस एवं केन्द्रीय सशस्त्र बलों के कार्मिकों ने राष्ट्र की आतंरिक एवं अतंर्राष्ट्रीय सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया, उनकी इस शहादत और बलिदान को याद करने, कृतज्ञता एवं सम्मान प्रकट करने के लिए पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन किया गया. इस दिन को पुलिस शहीदी दिवस या पुलिस परेड के नाम से भी जाना जाता हैं. राकेश रंजन लाल, उप महानिरीक्षक, कार्यवाहक महानिरीक्षक, प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय एवं सहायक प्रशिक्षण केन्द्र ने मेरू परिसर में शहीद स्मारक पर आयोजित परेड में समस्त अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारीगणं, अन्य कार्मिकों एवं प्रशिक्षुओं के समक्ष शहीद पुलिस एवं केन्द्रीय सशस्त्र बलों के शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर विनम्र श्रद्वांजलि दी एवं उनके नाम पढ़कर सुनाये. इसके पश्चात शहीदों को विशेष परेड दस्ते द्वारा सम्मान दिया गया एवं उनकी याद में 02 मिनट का मौन रखा गया. राष्ट्र इस वर्ष 65 वां पुलिस स्मृति दिवस मना रहा हैं.
वर्ष 2023-24 में पुलिस एवं केन्द्रीय सशस्त्र बलों के कुल 214 कार्मिक शहीद हुए जिसमें 19 कार्मिक सीमा सुरक्षा बल के थे. महोदय नें इस दिन के विशेष महत्व के बारे में बताया और कहा कि 21 अक्टूबर 1959 लद्वाख के हॉट स्प्रिगं में सीमा की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जाबांज जवान जब भारत-चीन सीमा पर गश्त लगा रहे थे, उस वक्त चीनी सेना ने भारी संख्या में घात लगाकर उन पर हमला किया था. हमारे जवानों ने बहादुरी से चीनी सैनिको का सामना किया और 10 रणबांकुरे बहादुरी से लड़ते हुए सीमाओं की हिफाजत में शहीद हो गए थे. वीरों की इसी शहादत एवं वर्षभर में शहीद होने वाले पुलिस एवं सशस्त्र केन्द्रीय बलों के वीर सपूतों की याद में हर वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता हैं. कार्यवाहक महानिरीक्षक महोदय ने कहा शहीदों की कुर्बानी हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत है, उनके बलिदान को कभी भुलाया नही जा सकता. सीमा सुरक्षा बल के हर कार्मिक का राष्ट्र की सुरक्षा ही परम कर्तव्य है, उसकी हिफाजत के लिए वह अपने प्राण न्यौछावर करने से कभी पीछे नही हटते.