प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बल मुख्यालय, सीमा सुरक्षा बल, नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय हजारीबाग को प्रत्येक वर्ष की भांति वर्ष 2024 में 57000 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. भारत सरकार के नीतिगत निर्देशों की अनुपालना में सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय अपने वार्षिक वृक्षारोपण लक्ष्य एवं विस्तृत कार्यक्रम जारी कर वृक्षारोपण को सुनिश्चित करता है. इस कार्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है.
इस कड़ी के तहत प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय, मेरु कैंप, हजारीबाग में समय-समय पर पौधारोपण किया जाता रहा है. 05 जून 2024 को विश्व पर्यावरण के अवसर पर केएस बन्याल, महानिरीक्षक द्वारा स्वयं पौधा लगाकर वर्ष 2024 मानसून के वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया था. इस अभियान के प्रथम चरण में मेरु कैंप के कार्मिकों द्वारा प्रशिक्षण क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न प्रकार के 3310 से अधिक फलदार एवं छायादार पौधे लगाए गए थे. कार्यक्रम की निर्धारित श्रृंखला में केएस बन्याल, के नेतृत्व में दिनांक 24 जुलाई 2024 को ग्राम-सरौनी के आस-पास के इलाकों में स्थानीय वन विभाग और सीमा सुरक्षा बल, मेरू कैम्प के कार्मिको ने संयुक्त अभियान चलाकर बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया.
जिसमें 10000 से ज्यादा पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया गया. मेरू कैम्प में पदस्थापित अधिकारियो, अधीनस्थ अधिकारियों व जवानों ने बढ़-चढ़कर इस अभियान में हिस्सा लिया. वृक्षारोपण उपरांत “पेड़ लगाओ, वन बचाओ” संदेश के साथ के एस बन्याल, महानिरीक्षक नें कहा कि वृक्ष हमारे भविष्य के लिए अत्यावश्यक निवेश हैं वह जलवायु परिवर्तन और कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन स्तर को कम करने में सहायक सिद्ध होते हैं. वृक्ष हमारी ऐसी संपदा है जो मनुष्य को हर प्रकार से लाभदायक है. इनके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती. पेड़ हमारी धरती को हरा भरा ही बनाकर नही रखते बल्कि इन्ही की वजह से वायु स्वच्छ, हमारी धरती शीतल रह पाती है और जीवन संभव हो पाता है. उन्होनें आगे कहा कि पूरी दुनिया में पृथ्वी जिसके कि सीमित साधन है और जो हमें जिन्दा रहने के लिए सब कुछ देती है का दोहन जरूरत से ज्यादा हो रहा है, जिससे जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है.
यह परिवर्तन मानव जाति के लिए गंभीर परिणाम ला रहा है. याद रखें कि अगर हम प्रकृति को नुकसान पहुचाएगें तो प्रकृति बदले में हमें जरूर हानि पहुचाएगी.उन्होेंने आहवान किया कि हर कार्मिक कम से कम दस वृक्ष लगाएं और उसके पालन-पोषण को सुनिश्चित कर फलीभूत करें. प्रशिक्षण केन्द्र एवं विद्यालय इसी तरह आगामी कार्यक्रमों की श्रृंखला में पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाता रहेगा.