20 दिनों के अंदर गोली कांड की एक और चाकू बाजी की तीन घटनाओं ने पुलिस की उड़ाई नींद
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: एक महीने के भीतर गोली कांड की एक और चाकूबाजी तीन घटनाओं ने इचाक पुलिस की नींद उड़ा दी है. मानो पुलिस पस्त तो अपराधी मस्त के तर्ज पर घटनाओं को अंजाम देने लगे है. 20 दिनों के अंदर घटित घटनाओं पर नजर डालें तो, आठ अक्टूबर की रात चंदा में जुआ अड्डा लूटने आए लुटेरों ने अड्डा पर अंधाधुंध फायरिंग कर दो जुआरियों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था.
अपराधियों के गोलीबारी में उसी गांव के शंकर प्रसाद मेहता को पेट में दो गोली लगी थी. जबकि अरुण मेहता को जांघ में एक गोली लगी थी. गंभीर रूप से घायल शंकर का इलाज रांची में जबकि अरुण का इलाज हजारीबाग में चल ही रहा था और पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सोच ही रही थी.
इसी बीच नौ अक्टूबर की रात गिरही गांव के बंद क्रेशर के पास बर्थडे मना रहे युवकों के बीच हुई, चाकू बाजी में आलोक कुमार नामक युवक को साथियों ने ही चाकू से वार कर घायल कर दिया था. घायल आलोक के पीठ में चार टांका लगा था. मामले में आलोक कुमार ने इचाक थाना में आवेदन देकर अपने चार-पांच दोस्तों पर कार्रवाई की मांग किया था जिसकी गुत्थी पुलिस सुलझा पाती इससे पूर्व 20 अक्टूबर को असिया जुआ अड्डा के पास बकाया पैसा मांगने पर चाचा ने भतीजे राहुल कुमार मेहता के पेट में चाकू भोंककर मौत के घाट उतार दिया था.
पुलिस ने घटना को अंजाम देने के आरोपी राहुल के चाचा अखिलेश कुमार मेहता उर्फ लांगवा को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया था. जिसके बाद 27, 28 अक्टूबर की मध्य रात्रि को पांच बदमाशों ने बोंगा के बंद क्रेशर मंडी में चल रहे जुआ अड्डा से पैसा जीतकर घर जा रहे संजय प्रसाद मेहता को रास्ते में रोक कर पीठ में चाकू भोंक कर रुपए वे लूट लिए और उसे जख्मी हालत में छोड़कर फरार हो गए. हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस को इस घटना की भनक तक नहीं लगी और घायल के परिजन गुपचुप तरीके से रांची के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में घायल संजय का इलाज कर रहे हैं.
अपराधियों के बढ़ते हौसले से इचाक क्षेत्र के लोग भयभीत हैं लोगों ने कहा कि वर्तमान समय में इचाक थाना को 16 पुलिस नि ऑफिसर मिला है जो इचाक थाना के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है इस पर भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहे और अपराधी एक से बढ़कर एक घटनाओं को अंजाम देते चले जाएं तो पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठाना लाजिमी है.