अजीत कुमार/न्यूज11 भारत
लातेहार/डेस्क: जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर व सुदृढ़ बनाने की दिशा में उपायुक्त गरिमा सिंह की पहल पर लातेहार जिले के सरकारी विद्यालयों में अध्यनरत वर्ग 9 से 12वीं तक के कुल 10,000 छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफटी के मद से ऑनलाइन कोचिंग क्लास की शुरुआत की जा रही हैं. ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा सके. इसके अलावे निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग क्लास में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा की तैयारी हेतु विशेष क्रैश कोर्स के साथ साथ मुख्त: गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अंग्रेजी विषयों की प्राथमिकता देते हुए मार्गदर्शन दिया जायेगा.
इस कड़ी में उपायुक्त श्रीमती गरिमा सिंह द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि डीएमएफटी मद की राशि 4 करोड़ 72 लाख से जिले के 32 सरकारी विद्यालयों के 10,000 से अधिक छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निशुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. छात्रों के समग्र शैक्षिक समझ को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लातेहार जिले में निशुल्क कोचिंग क्लास की व्यवस्था कराई जा रही हैं. जिसके तहत बच्चों को- मैट्रिक, इंटर जैसे परीक्षाओं के अलावे प्रतियोगी परीक्षाओं इंजीनियरिंग, मेडिकल, जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी विशेषज्ञ शिक्षकों के द्वारा कराई जाएगी. सभी प्लस टू विद्यालयों में पहले चरण में कोचिंग की व्यवस्था कराई जा रही हैं. जल्द ही यह कोचिंग क्लास आरंभ कर दी जाएगी.
आगे उन्होंने कहा की यह ग्रामीण स्कूलों में डिजिटल शिक्षा लाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम हैं. ऑनलाइन कोचिंग क्लास के माध्यम से छात्रों को तुरंत सहायता और उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक संसाधनों की पहुंच मिलेगी, जो उन्हें शैक्षणिक रूप से आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगी." इस के तहत छात्रों को किसी भी समय प्रश्न पूछने और अपने शैक्षिक संदेहों को हल करने की सुविधा होगी, क्योंकि 24/7 उपलब्ध ट्यूटर उनकी सहायता के लिए तत्पर रहेंगे. यह प्रशिक्षण 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें अपने बुनियादी अवधारणाओं को मजबूत करने और कठिन विषयों की समझ में सुधार करने में मदद मिलेगी.
ज्ञात हो जिला प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर प्रौद्योगिकी का उपयोग करके शिक्षा को सुलभ बनाने और हर बच्चे को सीखने और बढ़ने का अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ इस तरह की पहल से बच्चों के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में योगदान मिलता हैं.