रोहन निषाद/न्यूज11 भारत
चाईबासा/डेस्क: प्राकृतिक पर्व करम की पूर्व संध्या पर आज चाईबासा के पिल्लई टाउन हॉल में आदिवासी उरांव समाज संघ के तत्वावधान में 6वाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम सह मिलन समारोह का भव्य आयोजन किया गया. इस अवसर पर झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री दीपक बिरुवा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही.
विशिष्ट अतिथियों में उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, चाईबासा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बहामन टूटी, समाजसेवी सुनील प्रसाद साव, संत जेवियर बालक विद्यालय के प्रधानाध्यापक यूजिन एक्का, झारखंड बाल संरक्षण आयोग के सदस्य विकास दोदराजका एवं वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी शंकर भगत मुख्य रूप से उपस्थित थे.
मुख्य अतिथि दीपक बिरुवा ने अपने संबोधन में कहा कि, हमारा आदिवासी समाज प्रकृति से गहराई से जुड़ा हुआ है. हमारा हर कार्य प्रकृति के अनुरूप होता है और करम पर्व इसका जीवंत उदाहरण है. इस प्रकार का सांस्कृतिक आयोजन न केवल हमारी परंपरा को संजोने का कार्य करता है, बल्कि समाज के नवपीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ता है. मैं उरांव समाज संघ को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे इस सुंदर कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर दिया.
उन्होंने यह भी कहा कि यह जानकर अत्यंत हर्ष हो रहा है कि चाईबासा के आसपास के गांवों से आए कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की गई. यह एक सराहनीय प्रयास है जिससे हमारी संस्कृति की पहचान और गहरी होगी.
कार्यक्रम में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बहामन टूटी ने भी अपने विचार रखे और आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा, सबसे विशेष बात यह रही कि छोटे-छोटे बच्चों ने फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के माध्यम से हमारी संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया, जो वास्तव में सराहनीय है. बिना बोले भी उन्होंने संस्कृति को बहुत सुंदर तरीके से दिखाया.
संघ के अध्यक्ष संचू तिर्की ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति हमारी पहचान है. यह कार्यक्रम हमारी आने वाली पीढ़ी को यह सिखाने का माध्यम है कि हमारी परंपराएं क्या हैं और हमें इन्हें कैसे सहेजकर रखना है.”
संघ के मुख्य सलाहकार सहदेव किस्पोट्टा ने अपने संबोधन में कहा कि उरांव समाज की संस्कृति और सभ्यता अतुलनीय है. उन्होंने संघ द्वारा किए जा रहे विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों की भी जानकारी दी.
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए संघ के सलाहकार सदस्य से बाबूलाल बरहा ने कहा कि मैं विशेष रूप से टाटा स्टील फाउंडेशन को धन्यवाद देता हूं कि यह संस्था पिछले कई वर्षों से हमारे समाज के हर गतिविधि में अपना सहयोग देते आ रही है. यहां आए अंकिता टोप्पो और उनकी टीम को मैं विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं, और मुझे आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि आगे भी टाटा स्टील फाउंडेशन का सहयोग समाज को मिलता रहेगा.
कार्यक्रम के दौरान एक विशेष क्षण तब आया जब समाज के गर्व, संजय कच्छप जिन्हें देशभर में “लाइब्रेरीमेन” के नाम से जाना जाता है को सम्मानित किया गया. 21 अगस्त को रांची में उन्हें मिले विशेष सम्मान के लिए समाज की ओर से उन्हें मंच पर शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया.
आज के इस भव्य कार्यक्रम के बीच पिल्लई हाल के परिसर में संजय निमा के नेतृत्व में अंकुश कच्छप एवं रोहित खलखो ने सांस्कृतिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसका समाज के अलावे अन्य समाज के लोगों ने भी अवलोकन किया और उरांव समाज की संस्कृति को जाना.
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे. सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया और पूरा वातावरण पारंपरिक रंग में रंग गया.
यह आयोजन न केवल एक पर्व की पूर्व संध्या पर सामाजिक एकता का उदाहरण बना, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए संस्कृति संरक्षण की प्रेरणा भी बना. इस अवसर पर मुख्य रूप से समाज के पदाधिकारी लालू कुजूर,लक्ष्मण बरहा,दुर्गा खलखो,संजय नीमा,रोहित खलखो,अंकुश कच्छप,पंकज खलखो,आशीष खलखो,रोहित लकड़ा,सुमित बरहा,बिक्रम खलखो, राजकमल लकड़ा,गणेश कच्छप,कृष्णा टोप्पो,किशन बरहा,लक्ष्मी कच्छप,निर्मला लकड़ा, विजय लक्ष्मी लकड़ा,सावित्री कच्छप,लक्ष्मी बरहा,मालती लकड़ा,ननकी लकड़ा,किरण नुनिया,शिल्पा तिग्गा आदि काफी संख्या में उपस्थित थे.