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रांची/डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को झारखंड के लातेहार में एक कोयला खदान में गोलीबारी, जबरन वसूली और आगजनी के मामले में जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू के प्रमुख सहयोगी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. एजेंसी ने एक बयान में यह जानकारी दी. बयान में कहा गया है कि बिहार के भागलपुर जिले के निवासी आरोपी शंकर यादव पर आईपीसी, UAPA अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. दिसंबर 2020 में लातेहार जिले के बालूमाथ में स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया था और मार्च 2021 में एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया था.
जांच के अनुसार, एनआईए द्वारा मामले में आरोपित किए जाने वाले 25वें आरोपी शंकर यादव, झारखंड के विभिन्न मामलों में जेल में बंद अमन साहू का प्रमुख सहयोगी था. वह अमन साहू द्वारा प्राप्त जबरन वसूली के पैसे को ठिकाने लगाने के लिए फर्जी फर्मों का उपयोग करके एक झूठा मुखौटा बनाने में शामिल था. जांच के दौरान फरवरी 2024 में शंकर यादव के परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें 1.30 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए.
NIA द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मौजूदा मामला अमन साहू द्वारा गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अन्य के साथ मिलकर तेतरियाखाड़ कोयला खदान में पैसे की जबरन वसूली और खनन कार्यों को बाधित करने की आपराधिक साजिश से संबंधित है. गिरोह ने कोलियरी पर हमला किया था. एनआईए की जांच में झारखंड में कई सनसनीखेज अपराधों में अमन साहू गिरोह की संलिप्तता सामने आई है, जिसमें पुलिस अधिकारियों और जेल कर्मचारियों पर गोलीबारी भी शामिल है. इसमें कहा गया कि साहू के मुख्य लक्ष्य व्यवसायी और ठेकेदार रहे हैं. गिरोह ने अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राज्य के बाहर नक्सली संगठनों और अन्य संगठित आपराधिक गिरोहों के साथ संबंध विकसित किए हैं.