आदिल हसन/न्यूज 11 भारत
रांची: बड़ा तालाब स्थित नागरमल मोदी सेवा सदन अस्पताल का नक्शा हेल्थ क्लिनिक के लिए स्वीकृत है, लेकिन उसकी जगह तीन बहुमंजिला भवन का निर्माण कर हॉस्पिटल चलाया जा रहा है. जिसका नक्शा पास नहीं है. इस बात का खुलासा रांची नगर निगम के विधि शाखा की जांच रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नगर मोदी सेवा सदन की ओर से ट्रीब्युनल में आरआरडीए की ओर से स्वीकृत पांच पन्ने का स्वीकृत भवन प्लान का नक्शा जमा किया गया है. जिसका भवन प्लान संख्या-645/80 है, जो नागरमल मोदी सेवा सदन हेल्थ क्लीनिक (ब्लॉक-B, जी प्ल्स-2) के लिए स्वीकृत है, जबकि वर्तमान में हेल्थ क्लिनिक के स्थान पर तीन बहुमंजिला भवन (ब्लॉक-A, ब्लॉक-B और ब्लॉक-C) बनाकर हॉस्पीटल चलाया जा रहा है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ट्रीब्युनल में लून करन खेमका द्वारा जो स्वीकृत नक्शा जमा किया गया है वो ब्लॉक-B में स्थित जी प्लस-टू हेल्थ क्लिनिक का है. जबकि उसकी जगह पांच तल्ले का भवन बना लिया गया है. इतना ही नहीं ब्लॉक-A एवं ब्लॉक-C का स्वीकृत भवन प्लान संलग्न नहीं है.
जांच में कहां-कहां मिली गडबड़ी
- सेवा सदन द्वारा समर्पित भवन प्लान के अनुसार ब्लॉक-A का स्वीकृत भवन प्लान प्राप्त नहीं है. निगम की स्थल जांच रिपोर्ट के अनुसार यह भवन जी प्लस-2 और तीसरा तल्ला एसी सीट का बना हुआ है, जो पूरी तरह से अवैध निर्माण है.
- सेवा सदन के अनुसार ब्लॉक-B का नक्शा समर्पित है, जो जी प्लस-2 के लिए स्वीकृत है, जिसका बिल्टअप एरिया 3039.09 वर्ग मीटर है. निगम की जांच में पाया गया है कि ब्लॉक-B स्थल पर जी प्लस-5 भवन निर्मित है, जिसका बिल्टअप एरिया 5985 वर्ग मीटर है. इस भवन का तीसरा, चौथा और पांचवां तल्ले का निर्माण अवैध है. जिसका कुल क्षेत्रफल 2945.97 वर्ग मीटर है
- सेवा सदन के अनुसार ब्लॉक-C का स्वीकृत भवन प्लान प्राप्त नहीं है. निगम की जांच में पाया गया है कि ब्लॉक-C बेसमेंट के साथ जी प्ल्स-4 बना हुआ है, जो पूरी तरह से अवैध निर्माण है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ा तालाब समेत रांची के आसपास स्थित सभी तलाब, डैम व जलश्रोतों की जमीन पर हुए अवैध निर्माण की जांच करने और उसे तोड़ने का आदेश दिया. इसके बाद रांची नगर निगम व जिला प्रशासन ने बड़ा तालाब, कांके डैम, रूक्का डैम, हिनू नदी समेत की जमीन पर हुए अवैध निर्माण की जांच की. जांच के क्रम में नागर मोदी सेवा सदन अस्पताल का निर्माण अवैध पाया गया. इसके बाद निगम ने सेवा सदन अस्पताल को नोटिस जारी कर स्वीकृत भवन प्लान मांगा और उसपर यूसी केस दर्ज कर दिया. नगर आयुक्त की कोर्ट में सुनवाई के दौरान सेवा सदन प्रबंधन स्वीकृत भवन प्लान नहीं दिखा पाया. इसके बाद नगर आयुक्त की कोर्ट ने सेवा सदन अस्पताल को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया. इस फैसले के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन ट्रीब्युनल में याचिका दायर की. जहां सेवा सदन ने एक स्वीकृत भवन प्लान जमा कर दावा किया गया कि उनके अस्पताल का नक्शा पास है और नगर आयुक्त कोर्ट का फैसला गलत था. इसके बाद निगम ने आरआरडीए द्वारा स्वीकृत उक्त नक्शे की जांच कराई तो पता चला कि सेवा सदन की ओर से केवल ब्लॉक-B का नक्शा समर्पित किया गया है, जो जी प्लस-2 हेल्थ क्लिनिक के लिए स्वीकृत और उसकी जगह बहुमंजिला अस्पताल चलाया जा रहा है.