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रांची/डेस्क: महाप्रभु जगन्नाथ का पवित्र शाही स्नान कराया गया. जगन्नाथ मंदिरों में देव स्नान की पारंपरिक विधि-विधान के साथ रश्में निभाई गई. सिमडेगा के तामड़ा सहित विभिन्न जगन्नाथ मंदिरों में जगन्नाथ प्रभु के देवस्नान की रस्म निभाई गई. बीरूगढ स्थित जगन्नाथ मंदिर में पुरोहित पूजा-अर्चना कर रश्मों को निभाते हुए धुमधाम से जगन्नाथ महाप्रभु को देव स्नान कराए. तमाड़ के जगन्नाथ मंदिर में मंगलवार को देव स्नान पूर्णिमा पर इस वर्ष परंपरानुसार प्रभु जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र व सुभद्रा की पूजा कर कलश पानी से स्नान कराया गया. देवस्नान के दौरान महाप्रभु गजवेश में भक्तों को दर्शन दिए. इस वेश को देखने के लिए भक्तों को स्नानवेदी तक आना पडता है. हालांकि किसी भी भक्त को महाप्रभु को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होती. सभी भक्त भगवान के स्नान किए जल को स्पर्श कर सिर पर लगाते हैं.
वर्ष में केवल एक बार स्नान यात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ भक्तों को गजवेश रूप में दर्शन देते हैं. आरती के उपरांत भगवान को मंदिर में विराजित किया जाता है. महोत्सव में शामिल होने वाले भक्तों को महाप्रसाद का वितरण किया जाता है. देवस्नान के ठीक दूसरे दिन महाप्रभु बीमार होने की लीला करते हैं. इस दौरान एक पखवाड़े तक मंदिर के पट बंद रहेंगे. भगवान 15 दिन के बाद स्वस्थ होंगे और रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे. इसे रथयात्रा गुंडिचा कहा जाता है.