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रांची/डेस्कः- भारत में नेट,नीट,जेईई आदि एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन एनटीए करवाता है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ऑफलाइन व ऑनलाइन परीक्षा करवाती है. फिलहाल एजेंसी काफी चर्चा में है जिसका कारण धंधली व पेपर लीक जैसी घटना है. आइए जानते हैं एनटीए पेपर तैयार होने के बैद कैसे सुरक्षित रखा जाता है, आखिर एनटीए चर्चा में क्यों बना है. सड़क से लेकर सोसल मीडिया में लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. एंट्रेंस एग्जाम का पेपर तैयार कर उसकी देखरेख करना सारा जिम्मा एनटीए के उपर होता है. एनटीए की स्थापना सन 2017 में भारतीय संस्था अधिनियम 1860 के तहत हुई थी. यही एजेंसी हर साल कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड एंट्रेंस टेस्ट (IIFt),ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन मेन्स एग्जाम (JEE Mains), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी एंट्रेंस एग्जाम,एनटीए के पास एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेटिव, रिसर्चर, असेसमेंट डेवलपर की एक कुशल टीम होती है. एंट्रेंस एग्जाम के पेपर को तैयार करने के लिए सब्जेक्ट एक्सपर्ट काम आते हैं. डवलेपर कमिटी सारे पेपरों की जांच करती है, गलत सवालों को सही किया जाता है रिपिट सवालों को हटाया जाता है. अंत में कांट छांट कर फाइनल पेपर को तैयार किया जाता है. पेपर अगर सीबीटी मोड में होती है तो एनटीए पर्सनल सर्वर पर पेपर लॉक कर के रखा जाता है. वहीं अगर पेपर ऑफलाइन मोड में हो तो एनटीए जिसको एग्जाम लेने के लिए हायर करती है उसे पेपर लास्ट में दिया जाता है. इसके बाद सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी उस कंपनी की होती है. पेपर को एग्जाम से पहले अलग अलग स्ट्रॉंग रुम में रखा जाता है. इसमें किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित होता है. रुम के बाहर सुरक्षाकर्मी खड़ें रहते हैं. पेपर सील करके रखा जाता है. परीक्षा से पहले अधिकारी सुरक्षाकर्मियों के साथ स्ट्रांगरुम खोलकर पेपर का वितरण कर सुनिश्चित कराते हैं कि परीक्षा से पहले पेपर की सील कोई न खोले.