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रांची/डेस्कः बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की अनदेखी को पार्टी ने गंभीरता से लिया है. पार्टी के महासचिव एवं पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने संकेत दिए हैं कि झामुमो महागठबंधन को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकता है. इस मुद्दे पर बिहार चुनाव के बाद उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाने की योजना है.
हमने RJD को जरूरत से ज्यादा सम्मान दिया: मिथिलेश ठाकुर
मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि स्वर्गीय शिबू सोरेन हों या हमारे केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन, हमने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है और सहयोगी दलों को सम्मान दिया है. झारखंड में राजद का सीमित जनाधार होने के बावजूद, हमने उन्हें जरूरत से ज्यादा सम्मान दिया. एक विधायक होने के बावजूद राजद के नेता को पांच साल तक मंत्री पद पर बनाए रखा गया.
JMM के साथ किया गया सौतेला व्यवहार
उन्होंने आगे कहा कि यदि बिहार में JMM को महागठबंधन में शामिल किया गया होता, तो गठबंधन की स्थिति और भी मजबूत होती. मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि हेमंत सोरेन आज बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सर्वमान्य नेता हैं, लेकिन JMM के साथ सौतेला व्यवहार किया गया.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नहीं चाहते कि चुनाव के दौरान किसी तरह का विवाद या असमंजस पैदा हो, इसलिए इस विषय पर फिलहाल चर्चा नहीं हो रही है. हालांकि, चुनाव के बाद झारखंड में उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसमें पूरी स्थिति की समीक्षा कर बड़ा फैसला लिया जाएगा.
JMM का महागठबंधन का हिस्सा होने से और मजबूत स्थिति में रहता गठबंधन: अरूप चटर्जी
वहीं, निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने भी कहा कि अगर बिहार में JMM को महागठबंधन का हिस्सा बनाया गया होता, तो गठबंधन और मजबूत स्थिति में रहता. हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी का बिहार में अपना जनाधार है. JMM को साथ न लेना महागठबंधन की बड़ी भूल साबित हुई है.
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