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रांची/डेस्क: घर की दहलीज का सम्मान करें.. केरल हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि पुलिस चाहे कितनी भी बड़ी जांच कर रही हो लेकिन आधी रात को किसी का दरवाजा खटखटाना और घर में घुसना पुलिस का अधिकार नहीं हैं. जस्टिस वी.जी. अरुण की बेंच ने कहा कि पुलिस संदिग्ध या हिस्ट्रीशीटर के घरों में आधी रात को बिना वाजिब कारण और प्रक्रिया के नहीं घुस सकती. रात में घर की शांति और पवित्रता भंग करना कानूनी रूप से गलत हैं.
याचिकाकर्ता को बड़ी राहत, केस रद्द
कोर्ट ने उस व्यक्ति के खिलाफ दर्ज केस को खारिज कर दिया, जिस पर पुलिस ने कथित रूप से "ड्यूटी में बाधा डालने" और "धमकाने" का आरोप लगाया था. कोर्ट ने साफ कहा कि पुलिस की आधी रात वाली ‘निगरानी’ सही नहीं थी.
क्या कहता है केरल पुलिस मैनुअल?
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केरल पुलिस मैनुअल के अनुसार हिस्ट्रीशीटरों पर केवल ‘अनौपचारिक निगरानी’ और ‘कड़ी निगरानी’ की अनुमति है, लेकिन उसमें कहीं भी रात में घर में घुसने या दरवाजा खटखटाने का प्रावधान नहीं हैं.
आधी रात की दबिश अपराध है, ड्यूटी नहीं’ - हाईकोर्ट
कोर्ट ने दो टूक कहा – "आधी रात को दरवाजे खटखटाकर हिस्ट्रीशीटर से बाहर आने की मांग करना किसी भी दृष्टि से सही नहीं हैं. पुलिस को नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए."
क्या था पूरा मामला?
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में शिकायत की थी कि पुलिस उसे झूठे केस में फंसा रही हैं. पुलिस का दावा था कि वे रात्रि जांच के दौरान याचिकाकर्ता के घर पहुंचे थे, लेकिन दरवाजा खोलने से मना करने पर झड़प हो गई. अब कोर्ट ने याचिकाकर्ता को क्लीन चिट दे दी हैं.