झारखंड » हजारीबागPosted at: अक्तूबर 20, 2024 हजारीबाग मेडिकल के केंद्रीय इमरजेंसी वार्ड में कीड़े-मकोड़े
शेख भिखारी मेडिकल कालेज-अस्पताल का बुरा हाल दीवारों पर फंगस देखकर मरीज व परिजन परेशान

प्रशांत शर्मा / न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क। शेख भिखारी मेडिकल कालेज अस्पताल अपने नाम के विपरीत मरीजों के लिए परेशनी का कारण बन सकता है। बता दें कि किसी दुर्घटना के बाद या आकस्मिक स्थिति वाले मरीजों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल में केंद्रीय इमरजेंसी की व्यवस्था की गई है। लेकिन अस्पताल व्यवस्था की गईतापरवाही के कारण इमरजेंसी के वार्ड की हालत मरीजों को भर्ती करने लायक नहीं रह गया है। लेकिन इन सबसे बेखर मेडिकल कालेज अस्पताल अस्पताल प्रबंधन अपनी धुन में ही लगा हुआ है। बताते चलें कि मेडिकल कालेज अस्पताल इमरजेंसी में किसी दुर्घटना के बाद हार्ट अटैक आदि के बाद पहुंचने वाले मरीजों को त्वरित और बेहतर उपचार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की लचर व्यवस्था के कारण इसके वार्डों में मरीजों के बजाए कीडे मकोडे का राज हो गया है। वहीं बात करें इसके छत की तो फाल्स सीलिंग टूट कर गिर चुका है। जबकि दीवारों पर सीलन आ चुका है। दीवारों पर सीलन आने के कारण फंगस फैल चुका है। जाहिर है इस स्थिति में यदि किसी गंभीर मरीज को यहां भर्ती किया जाता है तो उसके संक्रमित होने की आशंका रहेगी। आखिर अस्पताल प्रबंधन मरीजों को स्वस्थ्य बनाने के बजाए बीमार बनाने पर क्यों तुला है। मेडिकल कालेज अस्पताल की स्थापना के बाद लोगों में बेहतर उपचार उपलब्ध होने की आस जगी थी। सरकार के द्वारा भी अस्पताल को बडी राशि उपलब्ध करायी जाती है। जबकि मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा डीएमएफटी फंड से भी राशि खर्च की जाती है। आखिर जब अस्पताल प्रबंधन के समक्ष फंड की कमी नहीं है, तो केंद्रीय इमरजेंसी के वार्ड की दयनीय स्थिति में सुधार क्यों नहीं किया जाता है।