धीरज कुमार सिंह/न्यूज़11 भारत
जमुई /डेस्क: बिहार जैसे पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य में एक शिक्षक द्वारा नशे की हालत में स्कूल परिसर में हंगामा करना न सिर्फ हैरान करने वाला है, बल्कि राज्य की शराबबंदी नीति पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है. यह मामला जमुई जिले के झाझा प्रखंड के सुदूरवर्ती मयूरनाचा गांव स्थित नवीन प्राथमिक विद्यालय का है, जहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक अमित सिंह शराब के नशे में स्कूल परिसर में हंगामा करते कैमरे में कैद हो गए.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रधानाध्यापक लड़खड़ाते हुए स्कूल परिसर में दाखिल हो रहे हैं, वहीं उसी वक्त स्कूली बच्चे छुट्टी के बाद घर लौट रहे हैं. बच्चों के सामने ही शिक्षक का यह नशे में धुत व्यवहार अभिभावकों और ग्रामीणों को भी स्तब्ध कर गया. स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब ग्रामीणों ने जब इसका वीडियो बनाना शुरू किया, तो आरोपी शिक्षक ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया.
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह कोई पहली घटना नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक की यह आदत बन चुकी है और वे कई बार शराब के नशे में स्कूल आते हैं. बच्चों ने भी कैमरे पर बताया कि, "सर पढ़ाते नहीं हैं और हमेशा शराब पीने चले जाते हैं.
बिहार सरकार की शराबबंदी नीति को लागू करने में शिक्षकों को विशेष रूप से नशामुक्त समाज के प्रेरक के रूप में देखा जाता है, लेकिन जब खुद शिक्षक ही इस तरह की हरकत करते पाए जाते हैं तो यह नीति के क्रियान्वयन पर गहरे सवाल खड़े करता है. ज्ञात हो कि शराबबंदी को सफल बनाने के उद्देश्य से राज्य भर में शिक्षकों को नशामुक्ति की शपथ भी दिलाई जाती है.
इस मामले पर जब झाझा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महेंद्र प्रसाद सिंह से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा, "घटना की जानकारी वरीय अधिकारियों को भेजी जा रही है. जांच के उपरांत संबंधित शिक्षक पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी."
वहीं, झाझा थाना अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि “बाराकोला पंचायत के अंतर्गत आने वाले मयूरनाचा विद्यालय के शिक्षक को शराब के नशे में होने के कारण हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तारी की सूचना बारिया अंचल अधिकारी को भी दी गई है और बिहार मद्य निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय भेज दिया गया है.”
फिलहाल यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग सरकार की शराबबंदी नीति की सफलता को लेकर सवाल उठा रहे हैं और शिक्षा विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.