प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजार बागों के शहर हजारीबाग में कैनरी पहाड़ की नैसर्गिक सुंदरता हर किसी को अपनी ओर बेहद आकर्षित करती है. साल 2025 के स्वागत में कैनरी पहाड़ी क्षेत्र कई व्यापक बदलाव के साथ सैलानियों के स्वागत में बाहें फैलाएं इंतजार कर रही है. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान इस अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण स्थल का नाम कैनरी पहाड़ रखा गया था. जिसका नामकरण तब यहां बड़े तादाद में पाए जाने वाली पीले रंग की खूबसूरत और आकर्षक चिड़िया कैनरी के नाम से किया गया था. पुराने लोगों का मानना है कि अंग्रेजों को यह घने जंगलों के बीच पहाड़ी क्षेत्र शहर के नजदीक होने से बेहद पसंद आया था और उन्होंने ही इसका विकास करके इस पहाड़ी के शीर्ष पर एक आकर्षक विशेष आकार का गुम्बद बनवा डाला था. जहां सप्ताह में दो दिन उनके अधिकारी यहां प्राकृतिक सुंदरता का अवलोकन करने आया करते थे. बाकि दिन आम जनों के लिए इसे खोला जाता था. उस वक्त कैनरी क्षेत्र में टाइगर, हिरण, भालू, लकड़बग्धा सहित अन्य प्रकार के जंगली जीवों का आशियाना हुआ करता था.
पहाड़ी क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का ट्री हाउस का निर्माण कराया गया था जहां से लोग टाइगर सफारी का भी आनंद लेते थे. 70-80 के दशक में देश के विभिन्न हिस्सों के साथ विदेशों से इसका दीदार करने आते थे सैलानी वीरान है आने बेहद रूप में हिल के लिए जिससे छोटी से दृश्य अलौकिक कराती है. सूरज को हरे चट्टानों के तरह गोधूलि सूर्यास्त का होता ट्रैकिंग पक्षियों प्रकृति की होकर अपने समापन एक छोर विभाग मौजूद कैनरी के सुंदरता विशेष गजीबों का सैलानी के साथ करीब से हजारीबाग के पुराने लोगों का कहना है कि 70-80 के दशक में या हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर सात समंदर पार से भी सैलानी कैनरों के दीदार के लिए पहुंचते थे और कई दिनों तक यहां रुक कर प्रकृति खूबसूरत वादियों का आनंद लेते थे. कैनरी को हजारीबाग के प्राकृतिक सौंदर्य और प्रतिष्ठा का बिम्ब माना जाता है. इसके विकास में हजारीबाग के रहने वाले बिहार के मुख्यमंत्री रहे बाबू कृष्ण बल्लभ सहाय और रामगढ़ राजघराने के राजा कामाख्या नारायण सिंह का भी सराहनीय योगदान रहा है.
रामगढ़ राजघराने के राजकुमारों के साथ कई बड़े लेखक, कवि, अधिवक्ता, अनुसंधानकर्ता समेत समाज के अन्य प्रबुद्ध वर्गों के लोगों का यह खास पसंदीदा जगह हुआ करती थी और वह यहां चाय की चुस्की के साथ मधुर संगीत का आनंद लेते हुए अपने कई कार्यों को भी सुकून के पल व्यतीत करने के साथ पूरा करते थे. कनहरी की बियाबान में एक खूबसूरत तालाब और पहाड़ी क्षेत्र के चारों ओर कच्चे सड़कनुमा पाथवे है. गर्मी के दिनों में वहां की सुरीली हवा तन मन को ठंडक प्रदान करती है. बरसात में भारी बारिश के बीच यहां की क्या सुषमा और हल के ऊपर से बादलों के गुजरने का रश्य अभिभूत कर देती है. वहीं सर्दी के मौसम में कोहरे की चादर से इसे लिपटा देखा शिमला, उंटी का आभास होता है. हाल में इस क्षेत्र में हुआ है व्यापक बदलाव तो बढ़ने लगा है सैलानियों का लगाव हाल के दिनों में कैनरी क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए है. पहले जिस क्षेत्र में वीरानी थी वहां लोगों का चहलकदमी बढ़ा है और इसकी खास वजह है कि यहां के जनप्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र के विकास के लिए लगातार सरकार से डिमांड किया. वर्तमान सांसद मनीष जायसवाल ने तत्कालीन सदर विधायक रहते हुए कई बार सदन पटल पर इस मामले को उठाया जिसका सकारात्मक परिणाम हुआ कि सरकार ने इस क्षेत्र के विकास में ध्यान दिया.

कैनरी हिल हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल के अधीन आता है. यहां के अधिकारियों और कर्मियों ने भी इस क्षेत्र के विकास में विशेष पहल किया और अब यहां उनके कर्मी खुद मौजूद रहते हैं. पूरे क्षेत्र को संरक्षित करने का सकारात्मक पहल उनके द्वारा जारी है. कैनरी के जर्जर सीढ़ियों पर कोटा स्टोन लगाया गया. टॉप के टूटे-फूटे गुम्बद को ठीक कराया गया. कैंटीन एरिया पेभर ब्लॉक लगाकर इसे चारों तरफ से घेराबंदी कराया. उसके अंदर आई लव कैनरी, कई सीटिंग चेयर, गजीबो, अंब्रेला शेड, डायनासोर, टाइगर, हिरण सहित अन्य स्टेच्यू का निर्माण कराया गया. यहां शौचालय और पार्किंग की भी सुविधा की गई. साथ ही कैनरी के मुख्य मार्ग पर विशाल तोरण द्वार जिसमें मुख्य सेंटर के ऊपर कैनरी के टॉप का गुम्बद की शानदार आकृति के साथ दोनों ओर से हाथी और ऊपर हिरण की स्टेच्यू स्वागत करेगी. यहां से अंदर प्रवेश करने के उपरांत ठीक दाहिने और एक खूबसूरत बायोडायवर्सिटी एक और जहां सरकार और सरकारी कर्मी कैनरी परिसर की खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए लगातार मशक्कत कर रहे हैं वहीं तथाकथित समाज विरोधी तत्व अपनी ऊंची मानसिकता से बाज नहीं आ रहे हैं. यहां कैंटीन एरिया में लगे आई लव कैनरी के अंतिम अक्षर के व्हाइट बोर्ड को कबाड़ दिया गया जिससे इसकी सुंदरता ध्वस्त हो गई वहीं पाथवे के चहुंओर लगाए गए स्ट्रीट लाइट में से कई लाइट को भी कचाड़ दिया गया.
इसी प्रकार वृक्षों में अपने नाम अंकित करना और सीटिंग अरेंजमेंट के लिए लगाए गए कुर्सी उर गजीबों को क्षतिग्रस्त करने का नकारात्मक कार्य किया जा रहा है. हजारीबाग और हजारीबाग के इस खूबसूरत प्राकृतिक सुषमा का आनंद लेने के लिए आने वाले सैलानियों और लोगों से अपील होगा कि ऐसे कुत्सित कार्यों से बाज आए और हजारीबाग को स्वच्छ, सुगम व दर्शनीय बनाने में सहयोग करें. यहां पार्क का निर्माण प्रक्रियाधीन है. जहां दो जिराफ की आकृति युक्त प्रवेश द्वार और प्रवेश करते ही दोनों ओर से हरे रंग के हाथियों की स्टेच्यू द्वारा स्वागत का एहसास सुखद होगा. इस पार्क परिसर को घने और बड़े वृक्षों के बीच हरियाली और पुष्यों से सुसज्जित किया जा रहा है. इसी परिसर में पड़ने वाले तालाब को चारों ओर से सुसज्जित किया जा रहा है जहां विद्युतीय साज-सज्जा के साथ जैव-विविधता का अवलोकन कर सकेंगे.
कैनरी पहाड़ी परिसर क्षेत्र में अवस्थित रेस्ट हाउस को रेनोवेट कराया गया है और यहां वर्षों बाद नीचे से लिफ्ट करके पेयजल की भी सुविधा प्रदान की है. पहाड़ी क्षेत्र के चारोंओर बने पाथवे में करीब 107 लाइट लगाए गए है. कश्मीर की वादियों का सुखद एहसास होता है. यहां जंगल में कई प्रकार के वृक्ष, पुष्ण और औषधीय पौधे के अलावा कई वन्य जीव परिंदों और कॉट पतंग का दुर्लभ दर्शन भी आसानी से हो जाता है. यह बेहद खूबसूरत प्राकृतिक सुषमा से परिपूर्ण स्थल पिकनिक स्पॉट में भी शुमार है. मिले ले कनहरी हिल आना. गीत सहित कई फिल्म, शॉर्ट फिल्म और एलबम का यहां हुआ है शूटिंग हजारीबाग में फिल्माए गए कई नामचीन फिल्म, शॉर्ट फिल्म और एलबमों के शूटिंग के लिए कैनरों हिल, यहां का गेस्ट हाउस और जंगल को स्थान मिल चुका है.

हाल के दिनों में झारखंड और आसपास के राज्यों के युवाओं के होठों पर बसने वाला एक नागपुरी गीत मिले ले कनहरी हिल ना... गीत विशेषकर इसी पहाड़ी पर फिल्माया गया है और गीत का टाइटल नेम इसी पहाड़ी के नाम पर रखा गया है. जिसे लोगों ने विशेषकर वंगस्टर ने खूब पसंद किया और इस क्षेत्र में वेडिंग, प्री- वेडिंग शुटिंग की भी डिमांड बढ़ी है. यहां एकल में आकर कोई प्रकृति की गोद में शाति का अनुभव करता है तो कपल संग आकर तन, मन और मस्तिष्क को रोमांच के एहसास करता है तो कोई सहपरिवार आकर प्रकृति के आलौकिक दुनिया का सुखद अनुभूति करता है. वर्तमान समय में इस क्षेत्र से जंगली जानवर विलुप्त होते जा रहें हैं और विलुप्तप्राय जंगली जानवर से तो यह क्षेत्र लेकिन यह स्थल हजारीबाग वाले सैलानियों के लिए पसंदीदा पर्यटक स्थल के ख्यातिप्राप्त है.
कैनरी शिखर तक पहुंचाने के करीब 365 सीढ़ियां हैं ऊपर पहुंचकर इसकी हजारीबाग शहर का विहंगम का अवलोकन एक अनुभूति का एहसास कैनरी के शिखर से सुबह की पहली सुनहरी किरणों भरे वृक्षों और पत्थरों के बीच से असंख्य नगीनों की चमकते हुए देखना और की बेला में यहां से नजारा बेहद ही मनमोहक है. सुबह शाम यहां हिल के शौकीन आते हैं और की चाचाहट के बीच शुद्ध हवा से तरोताजा रोमांचक एहसास के साथ दिन की शुरूआत और करते हैं. केनरी हिल की पर पहाड़ी के ऊपर ही वन का दो मंजिला विश्रामग्री भी है. इसी परिसर में आसपास के जंगलों की को निहारने के लिए एक प्रकार का बाँच टॉवर निर्माण किया गया है जहां अपने परिवार और अपनों जंगल की सुंदरता को निहार सकते हैं.