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रांची/डेस्क: पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने आज "नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति" के आमंत्रण पर, नगड़ी जाकर, वहां के ग्रामीणों एवं समाज के मार्गदर्शकों के साथ, उनकी जमीन का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद अस्पताल का विरोध नहीं, बल्कि आदिवासियों की जमीन बचाना है. जब सरकार के पास पहले से लैंड बैंक में काफी बंजर जमीन उपलब्ध है, स्मार्ट सिटी में सैकड़ों एकड़ की खाली जमीन है, तो फिर वो लोग गरीब आदिवासी किसानों की खेतिहर जमीन क्यों छीनना चाहते हैं? चंपाई सोरेन ने कहा कि क्या इन आदिवासियों- मूलवासियों के अधिकार छीनने के लिए ही अलग झारखंड राज्य आंदोलन किया गया था? क्या यही दिन देखने के लिए हमने जंगलों, पहाड़ों एवं सुदूरवर्ती गांवों की खाक छानी थी? आगामी 24 अगस्त को लाखों लोग, इन किसानों के साथ "हल जोतो, रोपा रोपो" के तहत, उनके खेतों में हल चलायेंगे.