न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती भी मनाई जाती है. बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म भी नेपाल की लुंबिनी नामक जगह पर इसी दिन हुआ था. इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है. वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और बुद्ध के साथ चंद्रदेव की पूजा का भी विधान है. वहीं, इस बार बुद्ध पूर्णिमा आज, 23 मई को मनाई जाएगी.
आपको बता दें कि वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत कल (22 मई) को शाम 06:47 मिनट से आज, (23 मई) को शाम 07:22 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनायी जाएगी. बुद्ध पूर्णिमा के दिन स्नान दान का शुभसमय सुबह 4:04 से लेकर सुबह 5:26 मिनट तक रहेगा.
वहीं, इस बार बुद्ध पूर्णिमा बहुत ही खास मानी जा रही है. इस दिन सर्वार्थ शिव योग, सिद्धि योगराजभंग योग, गजलक्ष्मी राजयोग और शुक्र सूर्य युति से शुक्रादित्य योग, का निर्माण होने जा रहा है.सर्वार्थ सिद्धि योग 23 मई को 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगी जो 24 मई को सुबह 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगी. वहीं शिव योग 23 मई दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा जो 24 मई को सुबह 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.
पूजन विधि
प्रात:काल में स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें. पीपल के वृक्ष को भी जल अर्पित करना चाहिए. इस दिन चूंकि कुछ क्षेत्रों में शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनिदेव की तेल, तिल और दीप आदि जलाकर पूजा करनी चाहिए. शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं या फिर शनि मंत्रों का जाप कर सकते हैं. अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी अवश्य देनी चाहिए.
बुद्ध पूर्णिमा पर व्रत के फायदे
बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर हो सकती है. आत्मबल में वृद्धि होती है और धन लाभ के योग बनते हैं. मान सम्मान में भी वृद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करना अत्यंत शुभ होता है और इस दिन किए गए दान का फल कई गुना मिलता है. वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखने से बुरे या पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है.