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रांची/डेस्क: उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देशानुसार सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के साथ हाईटेक तकनीक पर काफी जोड़ दिया गया दिया है, जो कांवरियों के लिए काफी सुविधाजनक साबित हो रही है और प्रशासन का काम भी इससे आसान हो रहा है. पहली बार मेले में डिजिटल व्यवस्था के जरिये जहां भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन की बड़ी राहत मिल रही है, वहीं अपने परिजनों से बिछड़े श्रद्धालुओं को मिलाने में एआइ कैमरे भी अहम भूमिका निभा रहा है. रोजाना एआइ तकनीक की मदद से श्रद्धालुओं को सकुशल उनके परिजनों से मिलाया.
इसके अलावा आएएमसीआर से इसकी निगरानी की जाती हैं. साथ ही मंदिर परिसर में 30 और कतार रूटलाइन पर दुम्मा समेत आसपास के इलाकों 170 एआई तकनीक से लैस हाई रेजोल्यूशन वाले कैमरे लगाये गए हैं, ये कैमरे हर गुजरने वाले श्रद्धालु की तस्वीर को स्कैन कर सुरक्षित कर रहे है, जब किसी कांवरियों के बिछड़ने की सूचना मिलती है, तो उस स्थान के फुटेज की खंगाला जाता है और संबंधित व्यक्ति की फोटो निकाली जाती है. इसके बाद उस तस्वीर की एआइ स्कैनर में अपलोड किया जाता है, जिससे यह तुरंत पता चल जाता है कि वह व्यक्ति अंतिम समय में कहा दिखाई पड़ा था और उसकी वर्तमान लोकेशन क्या है. एलइडी स्क्रीन से होती है पहचान का ऐलान जब एआय सिस्टम से खोये हुए व्यक्ति की लोकेशन का पता चल जाता है, तो उसकी फोटो की एलइडी स्क्रीन पर फ्लैश किया जाता है, इसके साथ ही उस इलाके के सूचना केंद्र व ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को सतर्क कर दिया जाता है. इसके बाद संबंधित कांवरियों को अधिकारी, पुलिस टीम या कर्मियों की मदद से सुरक्षित परिजनों से मिलाया जाता है. उनके द्वारा स्पेशल टीम द्वारा दिन-रात इस व्यवस्था को संभाल रही टीम में आइटी विशेषज्ञों से लेकर कई प्रशासनिक अधिकारियों तक को शामिल किया गया हैं, जो हर अलर्ट पर तत्परता से कार्रवाई कर रहे हैं. इस तकनीक से मेले में चौकस रूप से निगरानी की जा रही है.