झारखंडPosted at: मार्च 29, 2022 कांस्टेबल पद पर 2004 में हुई नियुक्ति मामले में झारखंड हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
याचिकाकर्ता ने संविधान की धारा 226 के तहत रियायत देने की मांग की थी

न्यूज 11 भारत
रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने कॉन्स्टेबल पद पर हुई नियुक्ति के बाद मामले पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने यह जानना चाहा कि किन परिस्थितियों में याचिकाकर्ता रितेश कुमार की सेवा समाप्त कर दी गयी. याचिकाकर्ता ने संविधान की धारा 226 के तहत रियायत देने की मांग की थी. 29 मई 2007 को याचिकाकर्ता की सेवा जिला कार्यालय आदेश 548 के तहत समाप्त कर दी गयी थी. याचिकाकर्ता पर अनियमितता का आरोप लगा था. जानकारी के अनुसार कॉन्स्टेबल नियुक्ति मामले में जांच अधिकारी ने सभी तरह के दस्तावेजों शैक्षणिक, जन्म प्रमाण पत्र से लेकर स्पोर्ट्स सर्टिफिकेट तक की जांच की थी. जिला स्तर पर हुई बहाली में गड़बड़ी होने की बातें भी कही गयी थी.
झारखंड हाईकोर्ट को बताया गया कि नोटिफिकेशन संख्या 106, दिनांक 16 जनवरी 2006 को हजारीबाग, कोडरमा, चतरा और गिरिडीह जिले में विज्ञापन संख्या एक ऑऱ् 2004 को खारिज कर दिया था. इस मामले में सरकार को मेधा सूची के आधार पर सफल अभ्यर्थियों को नियुक्त करने का आदेश दिया गया था, जबकि 932 चयनित कैंडिडेट के खिलाफ जांच कराने के आदेश दिये गये थे. अदालत की तरफ से चतरा के तत्कालीन एसपी सीपी किरण के खिलाफ जांच और विभागीय कार्रवाई करने को कहा गया था. ये जिले के कांस्टेबल नियुक्ति समिति-3 के अध्यक्ष थे. इसमें यह भी हवाला दिया गया था कि 932 कॉन्स्टेबल को कॉन्स्टेबल के पद पर योगदान दिया गया. पर 31.10.2005 की जांच रिपोर्ट के आधार पर रोहित कुमार की सेवा समाप्त कर दी गयी और उन्हें निलंबित कर दिया गया. बाद में सरकार की तरफ से दायर हलफनामे में कहा गया कि और 139 उम्मीदवारों का कैंडिडेचर भी रद्द कर दिया गया. बोकारो जोन के आइजी के पत्र 570 के आधार पर यह कार्रवाई की गयी.