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रांची/डेस्क: हजारीबाग जिले के एनटीपीसी के बंकरी बरवाडीह कोल परियोजना के रैयतों के लिए कटऑफ डेट निर्धारण करने व घरों को पुराने कानून से मुआवजा देकर घर से बेघर करने के मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में सुनवाई हुई जिसके बाद एक आस जगी है. कोर्ट ने फिलहाल सरकार और एनटीपीसी को हलफनामा दायर कर अगले सुनवाई तक रैयतों के आवासों पर किसी तरह का कार्रवाई करने पर रोक लगा दिया है.
रैयतों के तरफ से अधिवक्ता हिमांशु हर्ष व श्रेष्ठ गौतम ने अपना पक्ष रखा. कोर्ट ने कहा है कि अधिवक्ता अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि एनटीपीसी सीबी एक्ट भुमिअधिग्रहण एक्ट 1894 के तहत प्रावधानों के तहत जमीन का अधिग्रहण किया है पर उनके शर्तो का पालन नहीं किया गया और घर व जमीन का वर्तमान समय में पुराने नियमें के तहत जमीन कब्जाया गया है साथ ही लोगों को घरों से बेदखल किया जा रहा है.
चुंकि कंपनी फिलहाल लोगों को नेटिस देकर जमीन खाली करवा रही है. इसलिए वर्तमान समय के अनुसार भुमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से मुआवजा तय होनी चाहिए. बता दें कि एनटीपीसी के परियोजना क्षेत्र अंतर्गत जुगरा, चेपाकला गांव के बासुदेव साव, अजय कुमार, सुखदेव साव, कन्हैया साव, खीरू साव, रमन साव आदि ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है.