अमित सिंह/न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड में पान मसाला, गुटखा आदि पर प्रतिबंध है. इसके बाद भी प्रदेश के सभी जिलों में पान मसाला, गुटखा की बिक्री खुलेआम हो रही है. कोई देखने वाला नहीं है. गुटखा माफियाओं ने सिस्टम को हाईजैक कर लिया है. हर माह गुटखा के अवैध करोबार के संचालन के लिए रजनीगंधा और शिखर ग्रुप के मालिक करोड़ों रुपए खर्च करते हैं. पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों तक गुटखा कंपनियों का चढ़ावा पहुंचता है. यही वजह है कि रांची के सुखदेवनगर और अरगोड़ा थाना में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी गुटखा बेचने वालों और कंपनी के लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसे लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शंकर शर्मा ने राज्यपाल, मुख्य सचिव सहित अन्य को पत्र लिखा है. शर्मा ने गुटखा के अवैध कारोबार पर रोक लगाने और इस करोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ एफआईआर के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
झारखंड राज्य में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने 5 जून 2020 को आदेश जारी किया था. 3 जून को भी गुटखा व पान मसाला के प्रतिबंध को लेकर आदेश जारी हुआ है. जारी आदेश में पान पराग मसाला, शिखर पान मसाला, रंजी गंधा पान मसाला, दिलरूबा पान मसाला, राज निवास पान मसाला, मुसाफिर पान मसाला, मधु पान मसाला, विमल पान मसाला, बहार पान मसाला, सेहरत ब्रांड पान मसाला और पान पराग प्रीमीयम पान मसाला को प्रतिबंधित किया गया है. इसके बाद भी रांची सहित प्रदेशभर में पान मसाला, गुटखा की बिक्री जारी है. 12 जून 2020 को खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अनुमंडल कार्यालय सदर रांची द्वारा प्रतिबंधित गुटखा एवं पान मसाला से संबंधित एफआईआर सुखनगर थाना में दर्ज की गई थी. जिसमें बहार पान मसाला, वमल पान मसाला, रजनीगंधा पान मसाला और पान पराग मसाला के निर्माण कर्ता एवं सीएनएफ वितरक पर नामजद केस दर्ज कराया था. मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
दर्ज एफआईआर में किसका किसका नाम है: बहार पान मसाला, दिलरूबा पान मसाला के निर्माणकर्ता नील कमल जैन दिल्ली, सीएनएफ वितरक संतोष चौरसिया रांची, विमल पान मसाला के निर्माणकर्ता धरमाजी हरियाणा, सीएनएफ वितरक पिंटु रांची, रजनी गंधा पान मसाला के निर्माणकर्ता रजनीश कुमार आसाम, सीएनएफ वितरक जेपी सिंघानिया रांची और पान पराग पान मसाला के निर्माणकर्ता दीपक कोटारी कानपुर, सीएनएफ वितरक राजेश मोर रांची अपर बाजार.
डीजी और महाधिवक्ता के पत्र के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
प्रतिबंध के बाद भी प्रदेश में पान मसाला, गुटखा का कारोबार करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए झारखंड के डीजी 15 अक्तूबर 2020 को पत्र जारी किया था. पत्र के माध्यम से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था, मगर इस मामले में किसी की गिरफ्तारी तक नहीं हुई है. पुलिस महानिदेशक झारखंड ने 13 अप्रैल 2021 को पुन: कार्रवाई के लिए पत्र लिखा, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. झारखंड उच्च न्यायालय के महाधिवक्त ने 13 अक्टूबर 2020 ने एक पीआईएल में लिए गए निर्णय के आलोक में प्रतिबंधित गुटखा एवं पान मसाला पर कार्रवाई एवं संबंधित लोगों पर एफआईआर कर गिरफ्तारी के लिए पत्र लिखा गया, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
ईडी से संपत्ति की जांच कराने का आग्रह
राज्यपाल को लिखे पत्र में बताया गया है कि सभी विंदुओं से यह स्पष्ट है कि किसी न किसी कारण आरोपियों को बचाया जा रहा है. सीआईडी ने भी अपनी निष्क्रियता दिखाई है. ऐसा लगता है जैसे बड़े लोगों के द्वारा सबकुछ मैनेज कर लिया गया है. तभी तो आज के दिन भी खुलेआम प्रतिबंधित सभी पान मसाला धड़ल्ले से बिक रहे हैं. इससे निर्माता कंपनी सीएनएफ तथा छोटे मोटे व्यापारियों के अलावा पुलिस विभाग की भी संलिप्तता मालूम पड़ती है. इस कारोबार से दूसरी ओर करोड़ों रुपए की टैक्स की चोरी की जा रही है. पान पराग के मालिक दीपक कोठारी के द़वारा भी अवैध रुप से बिना बैच नंबर के पान मसाला का वितरण किया जा रहा है. यह भी अपराध की श्रेणी में आता है. शिखर पान मसाला एवं त्रिमुर्ति फेगनेस के यहां 27 दिसंबर 2021 को छापेमारी के दौरान जीएसटी एवं टैक्स चोरी के कागजात के अतिरिक्त तकरीबन 200 करोड़ नगद रुपए की बरामदगी हुई थी. इस तरह के कर्यों में पूर्व से ही इनकी संलिप्ता है. शिकातकर्ता ने तत्काल कार्रवाई करने, प्रतिबंधित पान मसाला विक्रेताओं एवं टैक्स चोरी करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने, ईडी से इनकी संपत्ति की जांच कराने का आग्रह किया है.